बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर नगर निगम बीते काफी समय से राजनीति का सबसे तगड़ा अखाड़ा बन कर रह गया। मेयर और अफसरों के बीच नित नए विवाद के चलते निगम अपने मूलभूत दायित्व भूल बैठा है। पार्षद भी जनता की आवाज बनने की बजाय अपने चहेते नेताओं और अफसरों की हाजिरी ज्यादा भर रहे हैं। निगम में आए दिन बयानबाजी, मुकदमेबाजी चल रही है। इस बीच, मेयर सुशीला कंवर राजपुरोहित और सचिव हंसा मीणा का विवाद भी तूल पकड़ता जा रहा है। सचिव हंसा मीणा ने खुद की जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
सचिव हंसा मीणा ने जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम को जरिये ई-मेल आग्रह किया है कि नगर निगम महापौर सुशीला कंवर, उनके पति विक्रम सिंह और निजी सचिव अनंत पारीक मुझ से द्वेषता रखते हैं। इनके खिलाफ मैंने राजकार्य में बाधा और जातिसूचक गालियां निकालने का पुलिस केस दर्ज करवाया गया था। जिसकी जांच अभी चल रही है। ये लोग प्रभावशाली और अपराधी प्रवृत्ति के होने के कारण मेरे खिलाफ जानलेवा साजिश रच रहे हैं। ऐसे में मेरी जान को खतरा है। राजकीय सेवा में होने के कारण मैं बीकानेर में अकेली रहती हूं, मेरा परिवार जयपुर में है। मुझे पूरी आशंका है कि इन लोगों के द्वारा मेरे साथ कोई अनहोनी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। ऐसे में मेरी जान को खतरा है। इसलिए मुझे पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए। इस बीच राष्ट्रीय मीणा महासभा ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि नगर निगम में सचिव दलित वर्ग की अधिकारी हंसा मीणा से महापौर सुशीला द्वारा अभद्र व्यवहार तथा जातिगत प्रताडि़त किया जा रहा है जो कि अत्यंत निंदनीय है।
राष्ट्रीय मीणा महासभा के संभागीय अध्यक्ष बाबूलाल मीणा ने बताया कि ज्ञापन में मांग की गई कि जिला प्रशासन इस प्रकरण में उचित कार्यवाही करते महापौर सुशीला के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करे साथ ही हंसा मीणा को तत्काल कार्यभार सौंपा जाए। मीणा महासभा ने अल्टीमेटम दिया है कि इस प्रकरण में कोताही बरती गई तो 5 दिन बाद कलक्ट्रेट पर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।