बीकानेर abhayindia.com पुलिस ने शार्दुलगंज निवासी युवती शालू की संगीन हालातों में मौत के चर्चित मामले को मर्डर नहीं माना है, बल्कि अपहरण और दुष्कर्म से आहत होकर खुदकुशी मानते हुए उसे खुदकुशी के लिये दुष्प्रेरित करने पर तीनों मुलजिमों सुमेरसिंह, बृजपाल, मोहित बिश्नोई के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिया है।
पुलिस ने इस मामले की जांच रिपोर्ट में मृतका और तीनों नामजद मुलजिमों से जुड़े कई आपत्तिजनक तथ्यों का खुलासा भी किया है। जानकारी में रहे कि शार्दुलगंज निवासी 24 वर्षीय युवती शालू राजपूत 18 अगस्त 19 को सुबह 10 बजे अपने घर से निकली थी जो लापता हो गई। अगले दिन परिजनों ने सदर थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। दो दिन बाद लूणकरणसर में नहर से उसका शव बरामद हुआ। परिजनों ने उसके साथ गैंगरेप के बाद हत्या करने और शव नहर में फेंकने का आरोप लगाते हुए सदर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।
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युवती के पिता की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सुमेरसिंह, बृजपाल, मोहित बिश्नोई और अन्य लोगों ने मिलकर उसकी पुत्री का अपहरण कर लिया। उसके साथ दुष्कर्म किया और मारकर नहर में फेंक दिया। इस मामले को लेकर जिला मुख्यालय में जबरदस्त धरने प्रदर्शन हुए है। पीडि़त पक्ष के लोगों ने पुलिस जांच पर भी उंगलिया उठाई। फिलहाल एएसपी स्तर पर हुई तफ्तीश के बाद शुक्रवार को सदर थाना पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश कर दिया है।