Tuesday, September 17, 2024
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बीकानेर निगम चुनाव : वार्डो के बदले समीकरणों में ऐसे उलझे भाजपा-कांग्रेस के रणनीतिकार

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बीकानेर abhayindia.com नगर निगम चुनावों के लिये वार्डो की लॉटरी  निकलने के साथ ही गली-मोहल्ले के नए सियासी चेहरे नजर आने लगे हैं अब दावेदारों की नजर टिकट वितरण पर टिकी है। इसके लिए जयपुर में महापौर की लॉटरी के बाद चुनावी बिसात बिछेगी। इस बार अस्सी वार्डो की लॉटरी के बाद बीकानेर नगर निगम क्षेत्र में समीकरण पूरी तरह बदल गए है। फिलहाल नगर निगम के साठ वार्डो में से 33 पर भाजपा, 17 पर कांग्रेस तथा 9 पर निर्दलीय पार्षद है, लेकिन इस बार नगर निगम चुनावों के लिये वार्डो की संख्या बढकर 80 हो गई है और वार्डो का नये सिरे से परिसीमन के बाद समीकरण भी बदल गये है।

फिलहाल जिन वार्डो में भाजपा पार्षद काबिज है उनकी समीकरण पूरी तरह बदल गये हैजबकि कांग्रेस के कब्जे वाले वार्डो के समीकरणों में कोई खास बदलाव नहीं आया है। परिसीमन के बाद शहर के मुस्लिम बाहुल्य वार्डो में इस बार भाजपा की मुसीबत बढने की आशंका हैहांलांकि इस बार भाजपा ने मुस्लिम वार्डो में नई रणनीति बनाने रूपरेखा तैयार की है। दूसरी तरफ कांग्रेस के कब्जे वाले वार्डो में इस बार नए समीकरणों के साथ कड़ी टक्‍कर मिल सकती है। आरक्षण की वजह से बदली हुई सीट पर अब पुराने पार्षदों ने अपनों को उतारने की तैयारी कर ली है।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत का कहना है कि संगठन ने निकाय चुनावों को लेकर तैयारी तेज कर दी है। एक अक्टूबर के बाद प्रत्याशी चयन की कवायद शुरू होने की संभावना है। अभी आलाकमान से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी होनी है। सरकार अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता के बीच में जाएगी। वहीं शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य का कहना है कि भाजपा 365 दिन जनता और कार्यकर्ताओं के बीच में रहती है। कांग्रेस सरकार को निकाय चुनाव में वादे पूरे नहीं करने का खमियाजा भुगतना पड़ेगा। प्रत्याशी चयन का निर्णय एक व्यक्ति नहीं करतायह पूरे संगठन स्तर की कवायद है जो जल्द शुरू होगी। उन्होने साफ तौर पर कहा कि पार्टी टिकट सक्रिय और उर्जावान कार्यकर्ताओं को ही दिया जायेगा।

महापौर की लॉटरी पर टिकी निगाह

सियासी गलियारों में महापौर की लॉटरी को लेकर चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों की मानें तो 25 सितम्बर से तीन अक्टूबर के बीच महापौर की लॉटरी निकाली जाएगी। इसके बाद शहरी सरकार के चुनाव में प्रत्याशी चयन की कवायद तेज हो जाएगी। इस बार महापौर के चुनाव सीधे होने की वजह से दावेदारों में टिकट को लेकर भी काफी टक्‍कर रहेगी।

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