बीकानेर abhayindia.com सेंट्रल जेल बीकानेर इन दिनों जबर्दस्त सुर्खियों में है। खबर है कि कुख्यात बंदियों ने जेल को अपनी आरामगाह बना रखा है, जो अंदर से अपना नेटवर्क चला रहे है। ताज्जुब की बात तो यह है कि कुख्यात किस्म के यह बंदी जेल के अंदर से डरा-धमका कर लोगों से रंगदारी और फिरौती वसूल रहे है। हाथ-पांव तोडऩे की धमकियां देना तो इनके रोजमर्रा का काम हो गया है।
दशहत का नेटवर्क चलाने वाले कुख्यातों को वो तमाम सुविधाएं जेल के अंदर मुहैया हो रही है। हाईटेक मोबाइल फोन तो उनके पास चारों प्रहर उपलब्ध रहता है। इसके अलावा नशीले कैप्सूल और दवाएं भी जेल के अंदर बड़े पैमाने पर सप्लाई हो रही है। नशीली दवाएं सप्लाई करने वाले तस्करों के साथ भी जेल में बंद कई कुख्यातों के तार जुड़े हुए है।
जेल में रिहा होकर आये एक बंदी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जेल के अंदर माहौल ठीक नहीं है। जेल में मिलीभगती के जरिये ही नामी बंदी जेल के अंदर से अपराध का नेटवर्क चला रहे है। नशीली दवाओं की तस्करी इन की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है। इसके अलावा जेल में बंद सभ्य और कमजोर श्रेणी के बंदियों को डरा-धमका कर उनसे वसूली तो पिछले कई सालों से बदस्तूर जारी है। सामान्य बंदियों को खाने में निर्धारित राशन का चौथा हिस्सा ही मिलता है। वह भी ऐसा होता है कि खाया नहीं जाए। जबकि जेल में बंद रसूखदार बंदियों को अलग से खाना बनाकर परोसा जाता है। अधिकांश बंदियों के पास बर्तन भी नहीं है। ऐसे में उनको प्लास्टिक के डिस्पोजल में ही चाय, भोजन सब दिया जाता है। जेल में हेरोइन 4000 रुपए प्रतिग्राम, 300 रुपए में बीड़ी का बंडल, 150 रुपए में जर्दा, 25 रुपए में नशीले कैप्सूल आसानी से मिलते हैं।
कारागार अधीक्षक परमजीत सिद्धू ने इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि जेल में कई बंदियों के पास मोबाइल जरूर पहुंच जाते हैं, लेकिन उनके पास मादक पदार्थ पहुंचना असंभव है।बंदियों पर निगरानी के लिये कारागार प्रशासन ने पुख्ता बंदोबश्त कर रखे है।
बीकानेर : सेंट्रल जेल में सघन चैकिंग, बैरिक में मिले मोबाइल जब्त