









जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही सत्तासीन कांग्रेस पार्टी के आला नेताओं की टेंशन बढ़ गई है। इसकी सबसे अहम वजह विधायकों की नाराजगी बताई जा रही है। आपको बता दें कि चार रिक्त सीटों में से कांग्रेस 3 सीटों पर जीत का दावा कर रही है। लेकिन, सचिन पायलट गुट के अलावा सीएम गहलोत के समर्थक करीब एक दर्जन विधायकों में नाराजगी लगातार चल रही है। गहलोत समर्थक माने जाने वाले विधायकों ने कई बार मुखर होकर सरकार की कार्यशैली की आलोचना भी की है। हालांकि, पार्टी का दावा है कि नाराज विधायकों में से कई को साध लिया गया है तथा अन्य की मान मनौव्वल चल रही है।
बताया जा रहा है कि गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नाराज विधायकों से संपर्क साधकर उनसे फोन पर बात भी की है और उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास भी किया है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत से करीबी समर्थक माने जाने वाले विधायक गणेश घोगरा और गिर्राज सिंह मलिंगा अपने ऊपर मुकदमे दर्ज होने से नाराज हैं। दोनों विधायकों के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने जनहित के मुद्दे उठाए थे उसके बावजूद उन पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसी तरह राजनीतिक नियुक्तियों में इन्हें एडजस्ट नहीं किए जाने से विधायक वाजिब अली और संदीप यादव सत्ता और संगठन से नाराज हैं। गहलोत समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। हालांकि उन्हें एससी आयोग का चेयरमैन बनाया गया है लेकिन वो इससे संतुष्ट नहीं हैं। ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा की भी नाराजगी लगातार सामने आ रही है। दिव्या मदेरणा कई बार सरकार के साथ-साथ जलदाय मंत्री महेश जोशी को भी अपने निशाने पर ले चुकी हैं। वरिष्ठ विधायक रामनारायण मीणा और अमीन खां भी इन दिनों सत्ता और संगठन से नाराज चल रहे हैं। हाल ही में बजट सत्र के दौरान भी दोनों विधायक कई बार सरकार को अपने निशाने पर ले चुके हैं।





