बीकानेर abhayindia.com ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि ललित कुमार आजाद बहुमुखी प्रतिभा के पत्रकार थे, जिन्होंने अपनी प्रखर कलम से पत्रकारिता के क्षेत्र में विविध आयाम स्थापित किए। वे जनहित को सर्वोपरि मानते थे और प्रतिरोध की पत्रकारिता के पक्षधर थे।
डॉ. कल्ला शनिवार को जाने माने पत्रकार एवं लेखक दिवंगत ललित कुमार आजाद की स्मृति में आजाद परिवार और मुक्ति संस्था की ओर से आयोजित प्रथम स्मरणोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ललित आजाद को अपने पिताजी से विरासत में साहित्यिक दृष्टि मिली थी, यही वजह रही कि उन्होंने महात्मा लालीमाई की जीवनी और ऊजली-जेठवा की लोककथा को आधार बनाकर बेहतरीन उपन्यास की रचना की। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में नई को उनकी लेखनी से प्रेरणा लेने का आव्हान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने कहा कि आजाद की पत्रकारिता और साहित्यिक रचनाएं अपने समय की प्रभावकारी शिल्प के रूप में प्रतिष्ठित है। उन्होंने कहा आजाद के पिताजी स्व. मुरलीधर व्यास ने पीढ़ी राजस्थानी में जिस दृष्टि से काम किया उस विरासत को आज तीसरी पीढ़ी आगे बढ़ाने में सक्रिय है।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक डॉ. गोपाल जोशी ने आजाद ने अपनी प्रखर लेखनी से समाज को सही दिशा दिखाने का काम किया। नई पीढ़ी को चाहिए कि वो उनके जीवन से प्रेरणा लें। राजस्थान समाचार पत्र संपादक कॉन्फ्रेंस के महासचिव आर.के. जैन ने कहा कि ललित आजाद ने पत्रकारों का संगठन बनाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने की भी पहल की जिसके फलस्वरूप पहली बार सरकार ने पत्रकारों के अधिस्वीकरण के नियम बनाए।
लोककला मर्मज्ञ श्रीलाल मोहता ने ललित आजाद को कलम का सच्चा सिपाही बताते हुए कहा कि वे अपने समय के निराले पत्रकार थे। साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि ललित आजाद जनचेतना से जुड़ी पत्रकारिता के प्रतीक थे। मधुमती के संपादक डॉ. ब्रजरतन जोशी ने कहा कि चार दशक पूर्व ललित आजाद की लिखी गई दोनों पुस्तकें महिलाओं को केंद्र में रखकर लिखी गई जिसमें महिलाओं के सामाजिक संघर्ष और उत्पीड़न के बावजूद सशक्तिकरण के मुद्दों को प्रमुखता से उभारती है।
आयोजकीय मंतव्य प्रस्तुत करते हुए जनसंपर्क उपनिदेशक किशन कुमार आजाद ने बताया कि मेरे जन्म से पूर्व लालीमाई की जीवनी का लेखन का प्रकाशन हो चुका था जबकि ऊजली का 1968 में प्रकाशन हुआ था। इन दोनों पुस्तकों के अनुपलब्ध होने तथा उनका आज भी सामाजिक जीवन में महत्व को देखते हुए उनका पुन: प्रकाशन किया गया। कार्यक्रम में दिवंगत ललित आजाद की पौत्री प्रीति आचार्य एवं प्रपौत्री डॉली व्यास ने भी अपने संस्मरण सुनाए।
इस मौके पर चार पत्रकारों जैसलमेर के आनंद पुरोहित, मुंबई के कुमार महादेव व्यास, बीकानेर के धीरेंद्र आचार्य एवं महिला पत्रकार ऊषा जोशी को स्मृति चिन्ह व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष रणजीत जोशी, पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम मुस्तफा, अरविंद मिढ्ढ़ा, शहर जिला कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हीरालाल हर्ष, कवि राजेंद्र जोशी, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सचिव नितिन गोयल, घनश्याम व्यास एडवोकेट, वरिष्ठ डॉ. धनपत कोचर, पत्रकार दीपचंद सांखला, श्याम शर्मा, जैन महासभा के विजय कोचर, प्रख्यात ज्योतिषी राजेंद्र व्यास ममू, हरिनारायण व्यास सहित मक्खन लाल जोशी आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- आजाद….
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ललित आजाद की याद में आयोजित प्रथम स्मरणोत्सव के लिए भेजे अपने संदेश में कहा कि प्रतिष्ठित पत्रकार ललित आजाद द्वारा रचित दो पुस्तकों का लोकार्पण और पत्रकारों का सम्मान किया जाना अपने आप में महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। यह उन्हें सच्ची श्रद़धांजलि होगी। गहलोत ने कहा कि आजाद हमारे कर्मठ, निष्ठावान व समर्पित कांग्रेस साथी रहे। उन्होंने बीकानेर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भी पार्टी को मजबूत बनाने में अपनी महती भूमिका निभाई। गहलोत ने संदेश में आगे लिखा कि मैं स्व. आजाद का स्मरण एवं नमन करते हुए इस मौके पर सम्मानित पत्रकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
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