








बीकानेर Abhayindia.com अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर में स्थापित रामलला की प्रतिमा बनाने वाले अरुण योगीराज का कहना है कि सिर्फ हथोड़ी, छैनी और पत्थर से करोड़ों लोगों का दिल जीता जा सकता हैं, भारत की जनता शिल्पकारों का सम्मान करती है, यह उन्होंने साबित कर दिया है।
यह बात उन्होंने बीकानेर के श्री बजरंग धोरा धाम पर अपने सम्मान समारोह में कही। श्री बजरंग धोरा धाम के आशीष दाधीच ने बताया कि मूर्तिकार अरुण योगीराज व श्री राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के सुमधुर कुमार का स्वागत अभिनंदन किया गया। बीकानेर व्यापार एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष जुगल राठी व समाजसेवी कमल कल्ला ने स्मृति चिन्ह भेंट किए। बजरंग धोरा धाम के पुजारी बृजमोहन दाधीच ने मूर्तिकार अरुण योगिराज, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के सुमधुर कुमार व कुलपति मनोज कुमार दीक्षित से बाबा का पूजन अर्चना करवाई।
इस अवसर पर अरुण योगीराज के साथ आए श्री राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुमधुर कुमार ने भजन सुनाए। उनका भी मंदिर परिवार की ओर से नागरिक अभिनंदन किया गया। मनमोहन दाधीच व अनुज दाधीच ने बाबा की तस्वीर भेट की इस अवसर पर बजरंग धोरा धाम पर पधारे विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, भक्तों और नागरिकों ने अरुण योगीराज और सुमधुर कुमार का अभिनंदन किया। जुगल राठी ने मूर्तिकला को सबसे अधिक एकाग्रता, समर्पण और भाव प्रधान कार्य बताया जिसे पूर्ण कर अरुण योगी भारत के जन मानस में लोकप्रिय हुए।
कार्यक्रम में महाराज गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति मनोज दीक्षित, उप रजिस्ट्रार बिट्ठल बिस्सा, नरेंद्र वर्मा, गिरिराज बिस्सा, मदन स्वामी, बलदेव, रामगोपाल, नरेंद्र, मोहनलाल, हनुमान चांडक, बनवारी लाल शर्मा, हनुमान पुरोहित, बाबूसिंह, अशोक, अनुज, रोहित, किशन, सुनील, त्रिलोक, राहुल, रामचंद, महादेव ओझा, मोहित, छैलूसिंह आदि राम भक्त मौजूद थे।
कार्यक्रम में मनोज कुमार दीक्षित ने बताया बीकानेर संस्कारी लोगों की धरती है जहां रग रग में प्यार और अपनत्व भरा हुआ है। डॉ. बिट्ठल बिस्सा ने अरुण योगी के रूप में प्रथम मानद उपाधि को ऐतिहासिक घटना बताया। गंगा सिह विश्विद्यालय की प्रशंसा पूरे देश में हो रही है। कमल कल्ला ने कहा भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम, धैर्य, सौम्यता की प्रतिमूर्ति के रूप में सदैव पूज्य है। राम मंदिर का ताला खुलवाने व ट्रस्ट बनाने के लिए और रामानंद सागर के टीवी धारावाहिक में स्व राजीव गांधी के योगदान को रेखांकित किया। सुकुमार ने कहा कैसे भारतीय आदर्श प्रभु राम की प्रतिमा को ऐक टेंट से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। अशोक सिंघल सहित हजारों धर्म प्रेमियों के संघर्ष का स्मरण किया।
सुमधुर शास्त्री ने राम प्रभु की नजर उतारने का गीत सुनाया जिसमें हारमोनियम पर पं राजेंद्र जोशी और तबले पर नवरतन जोशी ने संगत की। शिवकुमार कल्ला, हाजी रंगा, मनीष व्यास ने रामायण और सुन्दर कांड की चौपाई का गायन किया। मंदिर में उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा व्यक्तिगत रूप से डॉ मनोज दीक्षित, अरुण योगी, सुमधुर शास्त्री का पुष्प हार से अभिनंदन किया गया।





