







बीकानेर abhayindia.com स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन [सेवा] की बीकानेर शहरी क्षेत्र से जुड़े स्कूल संचालकों की बैठक सुनिता तनेजा की अध्यक्षता में धोबी धोरा स्थित प्रदेश कार्यालय में हुई।
इसमें शिक्षा मंत्री की ओर से आरटीई के तहत निशुल्क बालकों की फीस का पुनर्भरण शिक्षा 2020- 21 का भुगतान नहीं करने के बयान की निंदा की गई। प्रदेश अध्यक्ष कोडाराम भादू ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सीबीएसई के स्कूलों को 70 प्रतिशत व आरबीएसई के स्कूलों को 60 प्रतिशत फीस लेने का निर्णय दिया है। इसके बावजूद शिक्षा मंत्री का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
भादू के अनुसार शिक्षा मंत्री ने बयान दिया है कि स्कूलों में पढ़ाई नहीं हुई तो पैसा किस बात का। संगठन शिक्षा मंत्री से पूछना चाहता है कि जब पढ़ाई नहीं हुई तो सरकारी विद्यालयों के अध्यापकों को वेतन क्यों दिया जा रहा है । सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को पढ़ाने वालों को वेतन देने की जिम्मेदारी सरकार की है। आरटीई के तहत निशुल्क पढ़ रहे 25 प्रतिशत बालकों की फीस देने की जिम्मेवारी भी सरकार की है। सरकार अपनी जिम्मेवारी से मुकर नहीं सकती। शिक्षा मंत्री अपना बयान वापस लें ।
आंदोलन का रास्ता
संगठन के पदाधिकारियों ने रोष जताते हुए कहा कि शिक्षा सत्र 2020-21 का अग्रिम भुगतान करें। अन्यथा संगठन आंदोलन का रास्ता अपनाएगा। संगठन में चर्चा करने के बाद यह तय किया गया कि 29 दिसंबर को जयपुर में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होगी। उसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। बैठक में प्रवक्ता शैलेश भदानी, सुरेंद्र महिंद्रा, रियाज कादरी, रितु मूंदड़ा, मुकेश वर्मा, मनीष शर्मा, नरेंद्र पांडे, विजेंद्र कुमार, अब्दुल समद कादरी, अनिता शर्मा, हनुमान सिंह, शिवरतन भाटी, प्रशांत कला, चरण सिंह चौधरी, मोहम्मद उम्रदराज आदि ने विचार रखें।



