





जयपुर abhayindia.com प्रदेश में 49 नगरीय निकायों के लिए चल रहा चुनाव प्रचार का दौर खत्म होने के बाद अब 16 नवम्बर को मतदान होगा। इस चुनाव में प्रदेश की गहलोत सरकार के कई मंत्रियों और भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ज्यादा स्थानों पर नहीं गए, हालांकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी चुनाव से दूरी रखी, लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भरतपुर, बीकानेर, सीकर सहित सभी प्रमुख जिलों और निकायों का दौरा करते हुए पार्टी के पक्ष में प्रचार किया।
इस चुनाव में उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सचिन पायलट की प्रतिष्ठा तो दांव पर है, उनके निर्वाचन क्षेत्र टोंक में भी चुनाव है। इनके अलावा जल और बिजली मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला, पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग, राजस्व मत्री हरीश चैधरी, श्रम मंत्री टीकाराम जूली, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सालेह मोहम्मद, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की प्रतिष्ठा भी दांव पर हैं। ये सभी उन्हीं क्षेत्रों या जिलों से आते हैं, जहां इस बार चुनाव होने जा रहे हैं।
महाराष्ट्र : कांग्रेस, शिवसेना व एनसीपी के नेता कल मिलेंगे राज्यपाल से, मुख्यमंत्री…
भाजपा खेमे की बात करें तो नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड दोनों के जिलों में चुनाव होने के कारण उनकी प्रतिष्ठा दांव पर हैं। बीकानेर में चुनाव होने के कारण केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, सांसद निहालचंद मेघवाल, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, पूर्व मंत्री श्रीचंद्र कृपलानी, पूर्व मंत्री युनूस खान, विधायक ज्ञानचंद पारख भी वे प्रमुख नेता हैं, जिन्हें इस चुनाव के माध्यम से खुद को एक बार और साबित करना होगा।





