








जयपुर abhayindia.com निकाय प्रमुख चुनाव का मामला अब कांग्रेस आलाकमान के पास पहुंचने के साथ ही इसमें बदलाव के आसार बनने लगे है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दखल के बाद प्रदेश की गहलोत सरकार इस पर पुनर्विचार में जुट गई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने भी यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से बातचीत कर हाइब्रिड फार्मूले को लेकर पैदा हुए विवाद को दूर करने को कहा है। ऐसे ये माना जा रहा है कि गैर पार्षद को निकाय प्रमुख बनाने का प्रावधान जल्द ही वापस हो सकता है।
आपको बता दें कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कुछ मंत्रियों ने हाइब्रिड मॉडल पर सवाल उठाए थे। इसे लेकर जब विवाद बढ़ा तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से रिपोर्ट तलब की। इसके बाद सक्रिय हुए पांडे ने मीडिया को बताया कि ‘मैंने यूडीएच मंत्री शान्ति धारीवाल को इस मसले के निस्तारण के लिए कहा है, वो सीएम और डिप्टी सीएम से मिलें और यदि कोई आपत्ति जनक प्रावधान है तो उसे हटा दें’।
ध्यान में रहे कि मेयर या सभापति के चुनाव के लिए हाइब्रीड व्यवस्था के तहत अब पार्षद का चुनाव नहीं लड़ने वाले व्यक्ति और हारे हुआ प्रत्याशी को भी मेयर-सभापति बनने की छूट दी गई है। इस निर्णय को उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गलत बताते हुए कहा है कि यह फैसला बदलना चाहिए। पायलट के अलावा परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने भी इस व्यवस्था को गलत बताया था।
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