Friday, May 9, 2025
Hometrendingबीकानेर बॉर्डर एरिया में प्रशासन की सख्‍ती, अधिकारियों, कर्मचारियों और संविदा कार्मिकों...

बीकानेर बॉर्डर एरिया में प्रशासन की सख्‍ती, अधिकारियों, कर्मचारियों और संविदा कार्मिकों के अवकाश पर लगाई पाबंदी

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा एवं आपातकालीन स्थिति के मध्यनजर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2006 के अध्याय 4 की धारा 30 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने जिले में पदस्थापित जिला और ब्लॉक स्तर के समस्त अधिकारियों कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों के अवकाश पर पाबंदी लगाई है। इस संबंध में जारी आदेश अनुसार निर्देशित किया गया है कि सभी अधिकारी-कर्मचारी मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से रहेंगे तथा आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा के उपबंधों के लिए जारी आदेशों, निर्देशों क्रियाकलापों की पालना के संबंध में अपनी ड्यूटी के लिए कटिबद्ध रहेंगे।

जिला मजिस्ट्रेट ने लागू किए विभिन्न प्रतिबंध

जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट नम्रता वृष्णि ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए बीकानेर जिले के संपूर्ण नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न प्रतिबंध लागू किए हैं। इसके अनुसार बिना सक्षम स्वीकृति के किसी भी प्रकार के यूएवी, ड्रोन कैमरा, हॉट एयर बैलून आदि उड़ाने पर प्रतिबंध के लिए निषेधाज्ञा जारी की है।

यह निषेधाज्ञा केंद्र सरकार के सैन्य अथवा अर्ध सैनिक बलों और राज्य सरकार के पुलिस विभाग इत्यादि द्वारा सामरिक महत्व की गतिविधियों के संचालन पर लागू नहीं होगी। इसी प्रकार उन्होंने किसी भी प्रकार के पटाखों और आतिशबाजी के क्रय, विक्रय और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।

यह आदेश संपूर्ण बीकानेर जिले के लिए लागू होंगे तथा नागरिकों को इसकी इस आदेश की पालना करने और अवहेलना नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत नियमानुसार दंडित करने की कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर दो माह की अवधि तक प्रभावी रहेंगे।

आकस्मिक और आपात स्थितियों में संभाग की चिकित्सा व्यवस्था को लेकर दिए निर्देश

संभागीय आयुक्त डॉ. रवि कुमार सुरपुर की अध्यक्षता तथा महानिरीक्षक पुलिस ओम प्रकाश की उपस्थिति में संभागीय आयुक्त कार्यालय के सभा कक्ष में बुधवार देर रात 10 बजे आकस्मिक और आपात स्थितियों में चिकित्सा व्यवस्था की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

बैठक में संभाग के चारों जिलों के जिला कलेक्टर अथवा उनके प्रतिबंधित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, संयुक्त निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं), सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य, समस्त क्लिनिकल विभागाध्यक्ष, पीबीएम एवं जिला चिकित्सालय, राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और पं. दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज, चूरू के प्राचार्य तथा चारों जिलों के सीएमएचओ सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। संभागीय आयुक्त ने आपात और आकस्मिक स्थितियों में समुचित चिकित्सा व्यवस्था बनाये रखने के संबंध में निर्देश दिए।

डॉ. सुरपुर ने कहा कि प्रत्येक सब सेन्टर में गर्भवती महिलाओं, दिव्यांगों, वृद्धजनों आदि की जानकारी जुटाएं और डेटाबेस तैयार करें। आपात स्थिति में प्रत्येक पीएचसी व सीएचसी पर पीड़ितों का प्राथमिक उपचार तुरन्त प्रारंभ किया जाए। बिना प्राथमिक उपचार किसी भी पीड़ित को उच्चतर चिकित्सालय के लिए रैफर नहीं करें। पीएचसी और सीएचसी पर पदस्थापित चिकित्सक रात्रि में मुख्यालय नहीं छोड़ें। ब्लॉक सीएमएचओ को इसकी शत प्रतिशत पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

डॉ. सुरपुर ने कहा कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पाए आवश्यक दवाइयां, संसाधन और उपकरण पर्याप्त मात्रा में तथा क्रियाशील रहें। स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध एम्बुलेन्स कीे अविलम्ब जांच कर उनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित करने तथा इनमें आवश्यक उपकरणों व औषधियों की उपलब्धता बनाए रखने को कहा। यदि एक एक ही एम्बुलेन्स में एक से अधिक रोगियों का परिवहन किया जाता है और एक से ज्यादा मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता हो तो उसका भी माकूल प्रबंध किया जाए। इसी प्रकार प्रत्येक आयुर्विज्ञान महाविद्यालय भी अपने एम्बुलेन्स व स्टाफ के संबंध में उपर्युक्तानुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक तथा सभी सीएमएचओ को निर्देश दिए कि उनके द्वारा फर्स्ट एड, लाइफ सेविंग स्किल्स तथा इमरजेंसी रिस्पांस ट्रेनिंग के कैम्प लगाकर पुलिस कान्सटेबल्स, होमगार्ड व सिविल डिफेन्स के स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जाए। सभी पुलिस थानों एवं कार्यालयों में फर्स्ट ऐड बॉक्स स्थापित करने, पीड़ित व्यक्तियों को एंबुलेंस से परिवहन के दौरान सर्वाधिक आवश्यकता वाले मरीज को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।

डॉ. सुरपुर ने कहा कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा शुक्रवार को ही ब्लड बैंकों और स्टोरेज का निरीक्षण किया जाए तथा रक्त की उपलब्धता और आवश्यकता का आकलन कर लें। रक्तदान शिविरों का आयोजन कर ब्लड बैंक अथवा स्टोरेज की क्षमता के अनुसार रक्त एकत्रित कर उचित प्रकार से सुरक्षित रखें। प्रत्येक ग्रुप के रक्त की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निजी चिकित्सालयों का भी आवश्यकता अनुसार सहयोग दिया जाए। उन्होंने हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर व चूरू में बर्न वार्ड तैयार करने तथा इन्हें सही तरह से सेनेटाइज व फ्यूमीगेट किए जाने, आवश्यक उपकरण, औषधियां व व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी ऑपरेशन थियेटर्स को पूर्ण स्वच्छ व क्रियाशील रखने तथा रोगियों के नियमित उपचार चालू रखने के निर्देश दिए।

डॉ. सुरपुर ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सालय परिसर को पूर्ण साफ व स्वच्छ रखें। चिकित्सा संस्थान में पर्याप्त व्हील चेयर व स्ट्रेचरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। राजकीय चिकित्सालयों के साथ निजी चिकित्सालययों के रोग विशेषज्ञों को भी सजग रखा जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों के समस्त बीसीएमएचओ पूरी मुस्तैदी व सक्रियता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें तथा सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र के किसी भी चिकित्सा संस्थान में कोई खामी न रहे। हेड और स्पाइन इंजरी के त्वरित व उचित उपचार के लिए चिकित्सालयों में न्यूरो सर्जन को पूर्ण सतर्क रखने और इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी चिकित्सक की अवकाश स्वीकृति के लिए संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा आवश्यक होने पर संभागीय आयुक्त कार्यालय के ध्यान में लाएं। आवश्यकतानुसार रेपिड रेस्पोन्स टीमों का गठन किया जाए। निजी चिकित्सा संस्थानों से आवश्यक समन्वय रखा जाए।

पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश ने बताया कि गर्भवती महिलाओं, विकलांगों तथा वृद्धों का क्षेत्रवार चिन्हीकरण पुलिस थानों द्वारा किया जा रहा है। पुलिस थानों से संपर्क कर यह आंकड़े प्राप्त किये जा सकते हैं। इसी प्रकार फर्स्ट एड ट्रेनिंग के साथ सीपीआर का प्रशिक्षण भी पुलिसकर्मियों तथा होमगार्ड व सिविल डिफेन्स के स्वयंसेवकों को दिया जाए। इस प्रकार के प्रशिक्षण का वीडियो पुलिस विभाग को उपलब्ध करवाया जावे जिससे उसे प्रत्येक पुलिस थाने को भिजवाया जा सके। उन्होंने 112 आपातकालीन सेवा का उचित व न्यायोचित उपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समस्त चिकित्सा संस्थान, चिकित्सा संस्थानों के विभिन्न विभाग व पुलिस विभाग परस्पर समन्वय बनाये रखते हुए पूर्ण सजगता व सतर्कता से उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम कुशलता से उपयोग करें।

Ad Ad Ad Ad
- Advertisment -

Most Popular