Monday, November 25, 2024
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‘सरकार’ के लिए मुसीबत बनेगी इन नेताओं की तिकड़ी

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सुरेश बोड़ा/जयपुर/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा सत्तारूढ़ भाजपा के लिए वे तीन नेता भी मुसीबत बन सकते हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में गुजरात व दिल्ली में भी पार्टी को अपना प्रभाव दिखा चुके हैं। जानकारों की मानें तो गुजरात पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और दिल्ली जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार राजस्थान में सक्रिय होने लगे हैं। इन तीनों ही नेताओं ने अपनी नजरें भाजपा के वोट बैंक पर लगा रखी है। ये नेता प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में घूम-घूमकर भाजपा को पटखनी देने के लिए घेराबंदी में जुटे हुए हैं। तीनों का मकसद एक ही है, भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना।

इनमें से एक जिग्नेश मेवाणी की नजर राजस्थान के दलित वोट बैंक पर है। उन्होंने प्रदेश में अपने ऐसे समर्थकों की टीम तैयार कर ली है जिनका दलित समुदाय में अच्छा-खासा प्रभाव है। इनमें से कुछ समर्थकों के साथ तो वे गुजरात में कई दफा बैठकें भी कर चुके हैं। दलित वोट बैंक को मजबूत करने के लिहाज से ही जिग्नेश मेवाणी पिछले दिनों जयपुर आए थे। जिग्नेश को नागौर में दलित सम्मेलन को संबोधित करने के लिए जाना था, लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए जयपुर हवाई अड्डे पर ही उन्हे रोक लिया था। अब जिग्नेश मेवाणी ने अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों पर दौरे का कार्यक्रम बनाया है। भाजपा विरोधी तिकड़ी में शामिल गुजरात पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल भी राजस्थान में अपनी जगह तलाशने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। वे गुजरात से सटे राजस्थान के उदयपुर संभाग के जिलों में सक्रियता दिखाते हुए भाजपा को घेरने की रणनीति बना रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो हार्दिक राजस्थान के गुर्जर और पाटीदार समाज के प्रमुख लोगों से निरंतर संपर्क साध रहे हैं। वे संभवत: जून के बाद राजस्थान में पूरी तरह सक्रिय होने वाले हैं। गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान गुजरात से तड़ीपार किए गए हार्दिक पटेल छह माह तक उदयपुर में ही रहे थे। इस दौरान उन्होंने गुर्जर और पाटीदार समाज के युवाओं की जिला स्तर पर इकाइयां गठित कर ली थी। हाल में हार्दिक ने प्रतापगढ़ में एक सभा भी आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई।

हार्दिक और जिग्नेश की तरह ही एक अन्य युवा नेता दिल्ली जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी चुनाव से कुछ माह पहले प्रदेश में सक्रिय होंगे। कन्हैया कुमार अपने दौरों की शुरूआत शेखावाटी क्षेत्र से करेंगे। वे भी दलित वोटों में सेंध लगाकर भाजपा की मुश्किलों में इजाफा करने की रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में सत्तारूढ़ भाजपा की मुश्किलें और बढऩे वाली है।

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