








जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि परनामी ने इस्तीफा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर दिया है। सूत्रों की मानें तो अब संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी दुर्गादास व्यास, राज्य सरकार में मंत्री श्रीचंद कृपलानी, सतीश पूनिया, लक्ष्मीनारायण दवे, अर्जुनराम मेघवाल, अरुण चतुर्वेदी, ओम बिड़ला सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम नये प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में हैं।
परनामी के पद से हटने के कयास पिछले एक महीने से जोर पकड़ रहे थे। उपचुनाव में पार्टी को मिली हार और संगठन में कमज़ोर होती पकड़ के चलते उनकी जगह किसी अन्य को ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की बात सामने आई है। परनामी पिछले कुछ समय से विवादों की वजह से सुर्खियों में रहे थे। उनके अतिक्रमण को बढ़ावा देने सम्बन्धी बयान से पार्टी की किरकिरी हुई थी। उनके विवादित बयान की खबर को एक अखबार ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय तक में सुनवाई हुई थी और वहां उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजस्थान भाजपा अब जातिगत समीकरण साधने की रणनीति बना रही है। उपचुनावों में भाजपा के परंपरागत वोटर रहे ब्राह्मण, वैश्य और राजपूत समाज की नाराजगी भाजपा की हार का मुख्य कारण रही। अब इन समाजों को पार्टी के साथ फिर से जोडऩे की रणनीति तैयार की जा रही है। इसी के चलते परनामी का पद से हटना लगभग तय हो गया था। केवल प्रदेशाध्यक्ष ही नहीं, बल्कि अब अधिकांश प्रदेश पदाधिकारी और जिला अध्यक्ष की भी छुट्टी होने के संकेत मिल रहे हैं।
आमजन में फिर से अपनी पकड़ बनाने के लिए संगठनात्मक कामकाज प्रदेश प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी. सतीश और प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ही संभाल रहे हैं। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अरूण चतुर्वेदी को अध्यक्ष बनवाना चाहती हैं। इसके लिए सीएम राजे ने प्रदेश में आरएसएस के पदाधिकारियों के साथ दो बार बातचीत कर चुकी है और केंद्रीय नेतृत्व तक भी अपनी बात पहुंचा चुकी है। चतुर्वेदी को मध्यम मार्गीय माना जाता है। सूत्रों के अनुसार नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम शीघ्र तय कर लिया जाएगा।





