बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के राष्ट्रीय महाचिव एवं प्रदेश कांग्रेस सचिव राजकुमार किराड़ू ने राज्य सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना करते हुए वरिष्ठ जनों से इसे उखाडऩे के लिए आशीर्वाद मांगा है। किराड़ू ने रविवार को नत्थूसर गेट के अंदर स्थित पूना महाराज की कोटड़ी में आयोजित वरिष्ठजनों के सम्मान समारोह में कहा कि यदि वरिष्ठजनों का सहयोग और आशीर्वाद मिला तो वर्तमान प्रदेश सरकार के पैर उखड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार चूंकि हर मोर्चे पर असफल हो गई है, इसलिए अब प्रत्येक वर्ग कांग्रेस को आशा भरी नजरों से देख रही हैं।
किराड़ू ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में प्रदेश का विकास बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बेरोजगारों में असंतोष व्याप्त है। अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा चलाई गई जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी गई हैं। इससे आमजन आहत है। इसीलिए आमजन ने भाजपा सरकार को उखाडऩे के लिए पूरी तरह मन बना लिया है। किराड़ू ने कहा कि जन-जन तक कांग्रेस की रीति-नीति को पहुंचाना हमारा अहम् लक्ष्य है। इसमें वरिष्ठजनों के अनुभव एवं उनके नेतृत्व की सबसे अधिक जरूरत है। ऐसे सभी वरिष्ठजन, युवा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करें ताकि गांधी-नेहरू के विचारधारा को घर-घर तक पहुंचाया जा सके। इससे पहले सभी वरिष्ठजनों का माल्यार्पण कर उनका सम्मान किया गया। क्लब के कैलाश पारीक ने बताया कि कांग्रेस ने सदैव सुशासन को प्राथमिकता दी है। अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को राहत पहुंचाना हमारा प्रथम लक्ष्य है। कार्यक्रम में युवा नेता रामचंद्र ओझा ‘गंजिया महाराज’ ने कहा कि कांग्रेस छत्तीस कौम को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है, इसलिए युवा और वरिष्ठजन सब पार्टी को सहयोग दे रहे हैं।
कार्यक्रम में रतन लाल ओझा, एडवोकेट गोपाल पुरोहित, मोटू लाल हर्ष, हेमंत किराड़ू, सुभाष स्वामी, गोपाल किराड़ू, मोहन लाल किराड़ू, शिव लाल तेजी, ज्ञान प्रकाश बारासा, गोपीराम जोशी, डॉ. जयशंकर गहलोत, सैयद अली, रामदेव बोहरा, सुरेन्द्र कुमार व्यास, नवरतन व्यास, पूनसा चौधरी, कैलाश शंकर मारू, लक्ष्मण सुथार, भंवर खान, चोखाराम सारण, रामदास ओझा, नवीन बिश्नोई, रामकुमार भादाणी, सत्यनारायण बोहरा, प्रेमरतन जोशी, सुंदर सोनी, मनोज किराड़ू, बाबू खान, केदार पुरोहित, भंवर लाल ओझा, भंवर लाल नायक, रफीक, रविन्द्र किराड़ू तथा मनोज सेवग आदि उपस्थित रहे। संचालन किशन ओझा ने किया।