








जयपुर Abhayindia.com दैनिक भास्कर में दिनांक 16 सितम्बर, 2022 को प्रकाशित समाचार ”मुझे कैसे बचाएंगे, बेजुबां तो पूछ नहीं पाएंगे, आप….? विधायकों के 8 हजार सवाल, लम्पी पर सिर्फ 15 ने लगाए, इनमें भी उन 2 को पूछने की मंजूरी, जिनके क्षेत्र में लम्पी कम” पूर्णतया गलत है। इस संबंध में राजस्थान विधानसभा सचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने बयान जारी कर बताया कि सातवें सत्र में उत्तरित प्रश्नों की संख्या 5289 है और अनुत्तरित प्रश्नों की संख्या 2767 है। सत्र में 66 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब प्राप्त हो चुके हैं।
शर्मा ने बताया कि ध्यानाकर्षण के कुल प्राप्त प्रस्तावों में से 91 प्रतिशत के जवाब प्राप्त हो गये हैं। मात्र 9 प्रतिशत ध्यानाकर्षण के जवाब ही अप्राप्त है। इसी प्रकार नियम 295 में विशेष उल्लेख के 288 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिसमें से 229 सदन में पढे गये। इसमें 39 के जवाब ही अप्राप्त हैं। विशेष उल्लेख प्रस्तावों के 82 प्रतिशत जवाब प्राप्त हो गए हैं। विधानसभा सचिव श्री शर्मा ने बताया कि लम्पी से सम्बन्धित दस प्रश्न 13 विधायक गण ने पूछे हैं जिसमें से 2 प्रश्न एक तारांकित और एक अतारांकित सूचीबद्ध हैं। प्रश्न शाखा द्वारा सूचीबद्ध किए जाते हैं। आठ प्रश्नों के उत्तर राज्य सरकार से मंगवाने हेतु प्रेषित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 16 के अनुसार ऐसे प्रश्नों की सारत: पुनरूक्ति नहीं की जाएगी जिनके उत्तर पहले दिये जा चुके हों या जिनका उत्तर देना अस्वीकार कर दिया गया हो। लम्पी रोग के सम्बन्ध में विधायकों द्वारा उठाये गये किसी प्रश्न को नामंजूर नहीं किया गया है। प्रश्न एवं संदर्भ समिति को सातवें सत्र के प्रश्नों को संदर्भित नहीं किया गया है।





