








जयपुर Abhayindia.com प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महिला अत्याचार से जुड़े मामलों पर दिए अपने एक बयान को लेकर भाजपा के निशाने पर आ गए हैं।
आपको बता दें कि गहलोत ने कहा है कि महिलाओं से अपराध के आधे से अधिक यानी 56 प्रतिशत मामले तो झूठे होते हैं और हमने उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है। मैं कहना चाहूंगा कि झूठे मामले दर्ज कराने वाले लोगों को छोड़ना नहीं चाहिए, उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। इसे लेकर भाजपा सीएम पर हमलावर नजर आ रही है।
गहलोत के इस बयान के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री गहलोत से उनका इस्तीफा मांगा है। उन्होंने राजस्थान में लगातार बढ़ रहे महिला अपराधों और उस पर सीएम द्वारा दिए गए बयान पर कहा कि महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पाने पर उन्हें कुर्सी पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इसलिए राजस्थान की शुचिता के लिए सीएम अपने पद से त्याग पत्र दे दें।
उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे शांतिपूर्ण प्रदेश को ग्रहण लग गया है। थानों में दर्ज 8 लाख मुकदमे इसकी बानगी है। सालाना 6 हजार 337 प्रतिवर्ष यानि 17 बलात्कार प्रतिदिन प्रदेश में हो रहे हैं। इस पर सीएम का बयान शर्मनाक है। साथ ही विपक्ष को आरोपित करना हास्यास्पद है।
इधर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एनसीआरबी की रिपोर्ट पर अजीबोगरीब तर्क दिया है कि आंकड़े बढ़ने से अपराध नहीं बढ़ते और राज्य में आधे से अधिक रेप के मामले झूठे हैं। आपने सही कहा कि रेप करने वाले विदेश से नहीं आते क्योंकि विधानसभा में आपके तेज तर्रार संसदीय कार्यमंत्री ने कहा था कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। सरकार के कार्यकाल के अंतिम पड़ाव में आपको मालूम पड़ा कि झूठे मुकदमे दर्ज कराने पर सजा का प्रावधान है। आपकी सजगता के लिए बधाई।





