








बीकानेर abhayindia.com भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र की ओर से डीएसटी के वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व की नीति के तहत प्रायोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
‘आणविक अनुवांशिक विश्लेषण के लिए आधुनिक प्रयोगशाला तकनीक प्रशिक्षण, (रिसेन्ट लेबोरेट्री टैक्नीक्स फॉर मोलीक्युलर जैनेटिक एनेलेसिस) विषयक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत के 5 विभिन्न अनुसंधान संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के कुल 15 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों को आणविक विश्लेषण तकनीकियों जैसे डीएनए एवं आरएनए निष्कर्षण, पीसीआर आदि बायोटैक्नोलॉजिकल टूल्स को विस्तार से समझाया गया । प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।
प्रशिक्षण के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.पी.डी.तँवर, स्पेशलिस्ट (मेडिसिन), सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर ने अपने संबोधन में कहा कि आज के परिवेश में रोग पहचान के लिए उपयोग में लाए जाने वाली पद्धतियां जैसे कि एक्सरे, सोनोग्राफी आदि के अलावा नई तकनीकें जैसे एमआरआई सीटी स्कैन, रियल टाइम पीसीआर का उपयोग आम बात है।
प्रशिक्षणार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए डॉ.तँवर ने कहा कि उन्होंने एनआरसीसी में एक सही विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा भविष्य में मोलीक्युलर टूल्स्, मानव रोगों के डायग्नोसिस में मुख्य भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने इस क्षेत्र में मोलीक्युलर के उपयोग संबंधित अपने अनुभव भी साझा किए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.एस.सी.मेहता, प्रभारी अधिकारी, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर ने कहा कि हमें पशुओं में उत्पादन बढ़ाने एवं उनके अनुवांशिक चयन हेतु मोलीक्युलर टूल्स की अति आवश्यकता है। अध्यक्षता केन्द्र निदेशक डॉ.आर्तबंधु साहू ने की।
इस अवसर पर कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.बसंती ज्योत्सना व वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षण के उद्देश्य प र प्रकाश डाला।





