Sunday, April 20, 2025
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रेलवे : कबाड़ बेचकर कमाए 80 करोड़, उत्तर पश्चिमी रेलवे प्रबंधन का प्रयास…

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बीकानेर Abhayindia.com आय अर्जित करने में रेलवे कोई मौका नहीं खोती। यात्री टिकट, माल ढुलाई के साथ ही कबाड़ बेचकर भी आय अर्जित कर लेती है। उत्तर पश्चिमी रेलवे ने हाल ही में कबाड़ (स्क्रेप) बेचकर 80 करोड़ रुपए की कमाई की है। यह अनुपयोगी सामान(कबाड़) अलग-अलग स्टेशनों, परिसरों में पड़ा धुल फांक रहा था। इसका निस्तारण के लिए उत्तर पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा ने प्रयास कर निर्देश जारी किए थे।

उत्तर पश्चिमी रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम 6 माह में अनुपयोगी एवं व्यर्थ पड़े कबाड (स्क्रेप) को बेचा है जिससे 80.33 करोड़ रुपए की आय हुई है। गौरतलब है कि इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहरी के कारण मई माह में स्क्रेप की कोई भी नीलामी नहीं होने के उपरान्त यह उपलब्धि हासिल की गई है।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार भण्डार विभाग की ओर से फील्ड यूनिट्स से पुराने कबाड़ को हटाने व बेचने के लिए अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है। भण्डार विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष के सितम्बर माह तक उत्तर पश्चिम रेलवे पर 80.33 करोड़ रुपए के कबाड (स्क्रेप स्कूल) का निस्तारण कर राजस्व प्राप्त किया जो कि वर्ष 2020-21 के सितम्बर माह के 48.39 करोड़ की तुलना में 66 प्रतिशत अधिक है।

परिसर दिखे स्वच्छ…

रेलवे के इन प्रयासों से जहां रेलवे परिसर की स्वच्छता में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर रेलवे की सुरक्षा में भी वृद्धि हुई है। स्क्रेप के निस्तारण के लिए भण्डार विभाग की ओर से नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है जिनमें ट्रेक मैनेजमेंट सिस्टम व ड्रोन सर्वे सम्मलित है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2021-22 के अंत तक जीरो स्क्रेप का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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