बीकानेर abhayindia.com “जब तुझसे न सुलझे तेरे उलझे धंधे द्वारिकाधीश के इंसाफ पर सब छोड़ दे बंदे”, “खुद ही तेरी मुश्किल वो आसान करेगा, जो तू न कर पाया वो द्वारिका नाथ करेगा।” ऐसे अनगिनत कथन आज बीकानेरवालों को खूब याद आ रहे हैं। यह कथन “जय भूतनाथ” नाम से जाने-पहचाने जाने वाले बीकानेर के समाजसेवी एवं ट्रांसपोर्ट व्यवसायी स्व. राधेश्याम व्यास के थे। उन्होंने अल्प समय में अपनी जो छवि बनाई वो भुलाए से भी नहीं भूल पाती। उनके बोले हुए हौसला बढाने वाले कथन आज भी बीकानेरवालों की जुबां पर चढे हुए हैं। आपको बता दें कि राधेश्याम व्यास “जय भूतनाथ” की आज 21 जून को 10वीं पुण्यतिथि है।
जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले “जय भूतनाथ”का निधन राजस्थान के बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में उनके मनवांछित स्थल आलम जी का धोरा के महादेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दौरान उस महाउत्सव के महापूर्ण होने के बाद बीकानेर के लिए रवाना होते वक़्त हरि इच्छा से हुआ।
“जय भूतनाथ”के पुत्र भरत व्यास “लालू”बताते हैं कि साल भर के दौरान कई प्रकार के कार्यक्रम उनकी जीवन शैली में समाहित थे। इसमें मुख्य तौर पर शिवरात्रि श्रावण मास और श्रावण मास के दौरान श्रावण मास में आने वाली द्वितीया तिथि पर जगत सेठ द्वारिका नाथ के मंदिर जो कि चारों धाम में से एक धाम तथा सप्तपुरी में से एक पुरी है वहां वर्ष 2010 से शुरू 100 साल की ध्वजा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। ये कार्यक्रम आज भी भगवत कृपा से भूतनाथ की अनन्य भक्ति के फल स्वरूप निरंतर चालू है।
भरत व्यास “लालू” बताते हैं कि उनका एक कथन सदैव याद आता है- “जब तुझसे न सुलझे तेरे उलझे धंधे द्वारिकाधीश के इंसाफ पर सब छोड़ दे बंदे”, “खुद ही तेरी मुश्किल वो आसान करेगा, जो तू न कर पाया वो द्वारिका नाथ करेगा।”
उनकी इसी प्रेरणा से आज भी मैं और पूरा अबोहर फाजिल्का रोड लाईस परिवार जय भूतनाथ सेवा संस्थान ट्रस्ट परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। बाबा भूतनाथ की ओर द्वारिका नाथ की कृपा AFRL के सभी कर्मचारियों के परिवार जनों पर मुझ पर और मेरे परिवार जनों पर सदैव बनी रहें। उनकी दसवीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज जय भूतनाथ सेवा संस्थान ट्रस्ट की ओर से जयपुर रोड स्थित अपनाघर आश्रम में माधव सेवा की जा रही है। हम परमपिता परमेश्वर के आभारी है कि हर साल अपनाघर आश्रम में पूरे दिन हमें माधव सेवा करने का अवसर मिल रहा है। इस पुण्यार्थ काम के लिए हम परम पिता परमेश्वर और आश्रम के संचालकों का अंतर्मन से आभार व्यक्त करते हैं। इसके अलावा आज विजयाप्रेमियों के लिए भी हर साल की भांति प्रसादी का आयोजन किया जा रहा है। इसी तरह पंडित अमित पुरोहित द्वारा लंबे समय से निरंतर गौ सेवा की जा रही है।
“जय भूतनाथ”के नाम पुत्र का एक संदेश इस तरह हैं…
हृदय में बहते भाव की तड़पती लहरें
सदैव आपको प्रणाम करती रहेगी।
आपका परिवार में सब खुशहाल है
स्वस्थ है आपके मार्गदर्शन से सदैव आपकी याद में मस्त हैं।
बस, आप अपना आशीर्वाद बनाए रखना।
कृपा का पात्र बनाए रखना।
सदा ही नमस्कार
हर पल हर श्वांस में प्रणाम
जय भूतनाथ…जय भूतनाथ।
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