







जयपुर। किसान आन्दोलन को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा की “मैं समझता हूँ अब भी मौक़ा है कि प्रधानमंत्री जी स्वयं किसानों को बुलाकर बातचीत करें, रास्ता कोई निकल सकता है, लम्बे समय तक इस प्रकार का आंदोलन उचित नहीं कहा जा सकता और देश के हित में भी नहीं है। मैं उम्मीद करता हूँ प्रधानमंत्री जी खुद गौर करेंगे।”
गहलोत ने कहा की 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है और सभी इसकी निंदा करते हैं। इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए जिससे यह घटना कैसे हुई, इसकी पूरी जानकारी सामने आ सके। गहलोत ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री से अब तक की सभी वार्ताएं विफल रही हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद किसानों को बुलाकर बात कर कोई हल निकालना चाहिए।
मैं समझता हूँ अब भी मौक़ा है कि प्रधानमंत्री जी स्वयं किसानों को बुलाकर बातचीत करें, रास्ता कोई निकल सकता है, लम्बे समय तक इस प्रकार का आंदोलन उचित नहीं कहा जा सकता और देश के हित में भी नहीं है। मैं उम्मीद करता हूँ प्रधानमंत्री जी खुद गौर करेंगे।
:Talked to media at residence pic.twitter.com/wMK4JWCW0b
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 30, 2021
मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर मीडिया से कहा कि जो किसान 65 दिन से शांति से आंदोलन कर रहे थेए तो ऐसा क्या हुआ कि कुछ लोग अचानक लाल किले तक पहुंच गए। उन्होंने कहा कि आपसी तनाव पैदा करने के लिए आस.पास के लोग किसानों के टेंटों तक पहुंच गए हैं। ऐसी घटनाओं में भाजपा का नाम सुनने में आ रहा है। बीजेपी के लोग किसानों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं।
लोकतंत्र में अगर कोई कानून वापस में लिया जाता है, तो इसमें कोई फजीहत वाली बात नहीं होती है। क्योंकि विरोध करने वाले भी कई बार कानून वापस लेने पर तारीफ करते हैं। जिन लोगों से वादा करके सत्ता में आते हैंए तो उन्हें वार्ता के लिए बुलाने में अहम सामने नहीं आना चाहिए।



