नई दिल्ली। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर हर तरफ चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को सफाई देते हुए कहा कि कोवाक्सिन दो खुराक वाली एंटी कोरोना वायरस वैक्सीन है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में पहली खुराक दी गर्इ थी। अभी उनमें एंटी बाडी का निर्माण नहीं हुआ है।
आपको बता दें कि विज ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा विकसित COVID-19 के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन के लिए तीसरे चरण में टेस्ट के दौरान पहला स्वयंसेवक बनने की पेशकश की थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद कुछ दिनों के गुजरने के बाद ही इंसान में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण होता है। यह दो खुराक वाला टीका है। मंत्री अनिल विज ने वैक्सीन की केवल एक खुराक ली है।
आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री विज ने भी कहा था कि दूसरी खुराक के बाद इंसान में एंटीबॉडी विकसित होने लगती हैं, जो पहले शॉट के 28 दिन बाद दी जाती है। इस अवधि के दौरान कोई सुरक्षा नहीं है। मंत्री विज को 20 नवंबर को पहला शॉट दिया गया था।
कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर विज ने कहा कि विशेषज्ञों को बेहतर पता होगा कि कोविड वैक्सीन कैसे काम करती है। उनकी स्थिति के बारे में पूछे जाने पर विज ने कहा कि उनके गले में खराश, बुखार और शरीर में दर्द है, लेकिन कुल मिलाकर मैं ठीक हूं।
उधर, एजेंसी खबरों के मुताबिक, भारत बायोटेक ने भी कहा कि कोवाक्सिन के क्लिनिकल ट्रायल्स 2 डोज के शेड्यूल पर आधारित हैं जो 28 दिन के अंतराल पर दी जाती है। वैक्सीन की प्रभावी क्षमता दूसरी डोज देने के 14 दिन बाद आंकी जाती है। कोवाक्सिन को कुछ ऐसे डिजाइन किया गया है कि वह दोनों डोज मिलने के बाद असरदार होती है। फेज-3 ट्रायल डबल ब्लाइंडेड और रैंडमाइज्ड हैं (जहां ट्रायल में शामिल) 50 फीसद पार्टिसिपेंट्स को वैक्सीन और 50 फीसद को प्लेसीओ दिया जाता है।
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