








मुकेश पूनिया/बीकानेर abhayindia.com शहर में कोरोना संक्रमण के बढते आंकड़ों के बीच अब यह खबर भी सामने आई है कि बीकानेर शहर के कई इलाके ऐसे हैं जो स्क्रीनिंग से कोसों दूर है, मतलब अभी भी कई घरों तक चिकित्सा दल नहीं पहुंचा है, हालांकि विभागीय स्क्रीनिंग टीमों ने कटेनमेंट जोन को कई बार खंगाल दिया है।
इसके बाद भी ये जरूरी है कि जो हिस्से बच गए हैं, वहां भी स्क्रीनिंग की जाए। यदि कुछ ऐसे क्षेत्रों की बात की जाए तो गंगाशहर की चौपड़ा बाड़ी, धोबी तलाई, रानी बाजार, बांद्रा बास, जेल वेल, सुनारों की गुवाड़ सहित ऐसे हिस्से जो शहर के सीमावर्ती क्षेत्र हैं, जहां स्क्रीनिंग के लिये आज तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें नहीं पहुंची है।
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हालांकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में बताया जा रहा कि टीमें शहरभर में घर घर स्क्रिनिंग कर चुकी है, लेकिन स्क्रीनिंग से वंचित इलाकों के लोगों को कहना है कि हमारे इलाकों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के जांच दलों की झलक भी देखने को नहीं मिली है। ऐसे में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिलेभर में घर-घर की जा रही स्क्रिनिंग पर सवाल उठने लगे है।
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चौंकाने वाली जानकारी यह भी मिली है कि कि जिन इलाकों में स्क्रीनिंग की जा रही है वहां पहुंच रहे जांच दल फिलहाल केवल रजिस्टर से काम चला रहे हैं, जबकि दलों को भी कुछ थर्मल थर्मामीटर उपलब्ध करवाने चाहिए, ताकि सिर के तापमान से स्पष्ट हो सके कि किस व्यक्ति को भर्ती होने की जरूरत है और किसे नहीं।
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इस मामले को लेकर लोजपा जिलाध्यक्ष मोहम्मद रमान मुगल का कहना है कि विभाग को अब तक की गई स्क्रीनिंग को लेकर समीक्षा करनी चाहिए। शहर के जो क्षेत्र जांच से बचे हुए हैं वहां की टीमों को सक्रिय करना चाहिए, ताकि यदि कोई बीमार हो तो सामने आ सके। हालांकि इस महामारी के बीच कई लोग खुद ही ओपीडी तक पहुंच गए होंगे, लेकिन जो असहाय है या जो लापरवाही वश नहीं जा पाए होंगे, वह तत्काल सामने आएंगे।
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