Thursday, January 16, 2025
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बीकानेर : पीबीएम में बुजुर्गों को नहीं हो कोई परेशानी, इसलिए कलक्‍टर ने दिए ये निर्देश…

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बीकानेर abhayindia.com जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि पीबीएम अस्पताल की जिरियाट्रिक यूनिट में शीघ्र वार्ड प्रारम्भ किए जाएं ताकि वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा सके। गौतम ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिरियाट्रिक यूनिट द्वारा ओपीडी सुविधाएं दी जा रही है उनमें दवा लेने, पंजीयन आदि सुविधाओं में भी सुधार हो जिससे अस्पताल में आने वाले वृद्धजनों को अनावश्यक चक्कर ना निकालने पड़े। उन्होंने कहा कि वार्ड प्रारम्भ हो जाने से अस्पताल में वृद्धजनों की अतिरिक्त देखभाल हो सकेगी। जिला कलक्टर ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 की अनुपालना सुनिश्चित की जाए।

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उन्होंने कहा कि वरिष्ठ जन किसी भी प्रकार प्रताडऩा और अन्य समस्या के समाधान के लिए सीधे अपने क्षेत्र के उपखंड अधिकारी कार्यालय में पेश होकर अपनी समस्या बता सकते हैं, जिस पर उपखंड अधिकारी त्वरित करेगा। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने उपखंड अधिकारी स्तर पर गठित अधिकरणों को इस सम्बंध में विशेष रूप से कार्यवाही करने के लिए कहा है। गौतम ने कहा कि अधिनियम के तहत जिला समाज कल्याण अधिकारी मैंटेनस ऑफिसर के तौर पर भरण पोषण दिलवाना सुनिश्चित करवाएं। जिला कलक्टर ने उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए कि माता पिता भरण पोषण अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों में समय पर कार्रवाई कर पात्र नागरिकों को राहत पहुंचाएं एवं उन्हें भरण पोषण का अधिकार दिलाएं। आवेदन पत्रों का समय पर पंजीकरण कर समय सीमा में उसका निस्तारण करें।

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गौतम ने बताया कि इस अधिनियम के तहत मजिस्ट्रेट स्तर पर अपीलीय प्राधिकरण भी गठित है। उपखंड अधिकारी के निर्णय के विरूद्ध वरिष्ठ नागरिक जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष अपील कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा 23(1) के अनुसार कतिपय परिस्थितयों में सम्पत्ति के अन्तरण को शून्य घोषित करने के सम्बन्ध में समस्त उपखण्ड अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए हैं।

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पीडि़त की बात सुन दर्ज करें प्रकरण : जिले में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के सदस्यों पर अत्याचार नहीं हो इसके लिए एससी एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की अनुपालना सुनिश्चित करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ग का कोई व्यक्ति यदि पुलिस के पास परिवादी के तौर पर आता है तो उसकी बात को गंभीरता से सुना जाए और वाद दर्ज करते हुए कार्यवाही की जाए। जिला कलक्टर ने कहा कि दर्ज प्रकरण आर्थिक सहायता के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को भेजें तथा गवाह का भुगतान भी समय पर हो यह भी सुनिश्चित करवाएं। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में वर्ष 2019-20 में अब तक अनुसूचित जाति के 236 लोगों को लाभान्वित कर 130.69 लाख रूपए व्यय किए गए। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के 10 व्यक्तियों को 3.25 लाख रूपए वितरित कर सहायता दी गई है।

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