








बीकानेर abhayindia.com जिले में मिलावट का कारोबार बढ़ता जा रहा है। चौकाने वाली बात है कि चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट में दीपावली सीजन में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान खाद्य पदार्थों के लिए गए नमूनों में से अधिकांश अनसेफ मिले हैं। जिनमे तमाम तरह के खाद्य पदार्थ शामिल है।
विभाग की मानें तो मिलावट का कारोबार पकड़ में नहीं आए इसके लिए मिलावटियों ने दूध को सॉरबिटॉल जैसे रसायनों से तैयार करना शुरू कर दिया है, लेकिन सिंथेटिक दूध रसायनों की जांच सुविधा विभाग की लैब में नहीं होती है और नमूनों की जांच सटीक नहीं मिल पाती है। इसके अलावा ब्रांड नाम की डुप्लीकेसी के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। गौरतलब है कि तीन अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया गया था।
बढ़ रहा इंफेक्शन, फेफड़े प्रभावित : जानकारी के अनुसार कम लागत में मुनाफा कमाने के लिए कई कारोबारी वनस्पति घी, बोरिक एसिड, सोडियम बाइकॉर्बोनेट, डिटरजेंट मिला रहे हैं। जिसका असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और लगातार रसायनों से तैयार दूध पीने से आंतो में इंफेक्शन बढ़ रहा है। जिससे बच्चों का वजन कम हो रहा है। डिटरजेंट,यूरिया, सोडियम बाइकार्बोनेट, बोरिक एसिड फेफडे खराब करते हैं।
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यह है कारण : संभाग स्तरीय प्रयोगशाला जयपुर में स्थित है। इस प्रयोगशाला में बीकानेर, जयपुर, गंगानगर, चूरू, झुंझुनूं, दौसा, सीकर सहित संभाग में शामिल अन्य जिलों से नमूनों आते हैं। इस कारण इनकी जांच में कम से कम 15 दिन का समय लग जाता है। त्योहार या अभियान के दौरान लैब पर नमूनो का भार बढ़ जाता है इस कारण रिपोर्ट में देरी हो जाती है। रही सही कसर चल प्रयोगशाला नहीं होने से हो गई है। ऐसे में करीब 28 लाख की आबादी वाले बीकोन जिले में सिर्फ एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी हैै। जबकि पूर्व में प्रत्येक ब्लॉक पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहते थे।





