बीकानेर abhayindia.com नगर विकास न्यास की ओर से हाई कोर्ट के आदेशों की पालना में सादुलगंज कच्ची बस्ती के अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही फिलहाल टाल दी गई है। जानकारी के अनुसार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ दायर की गई स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए को हाई कोर्ट के फैसले को स्थगित कर सादुलगंज कच्ची बस्ती से जुड़े पक्ष की सुनवाई करने के आदेश दिये है। सोमवार को हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों की खबर मिलते ही सादुलगंज में खुशियों की लहर छा गई। खुशी से झूमते हुए लोगों ने मिठाईयां बांटी और पटाखे भी छोड़े तथा सादुलगंज कच्ची बस्ती के लिये संघर्ष करने वाले नेताओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया। उन्हें कंधों पर उठा लिया और जिंदाबाद के नारे लगाते हुए जुलूस निकाला। खुशी की खबर देने वाले अधिवक्ताओं का भी माल्यार्पण कर स्वागत किया।
सादुलगंज कच्ची बस्ती संघर्ष समिति के धरना स्थल पर संघर्ष समिति सुरेन्द्र सिंह शेखावत, शशिकांत शर्मा, अशोक भाटी, मनोज बिश्नोई, प्रेम बिश्नोई, शब्बीर अहमद, छात्र नेता विष्णु साध, पुनीत ढाल, भंवर लाल जांगिड़, देवीसिंह शेखावत का स्वागत किया गया।
जानकारी में रहे कि हाईकोर्ट के आदेशों की पालना के लिये नगर विकास न्यास प्रशासन ने सादुलगंज कच्ची बस्ती के अतिक्रमण तोडऩे के लिये तमाम बंदोबश्त पूरे कर लिये थे। इसके तहत अतिक्रमणों को चिन्हित कर लाल निशान दिये तथा चिन्हित किये गये घर-प्रतिष्ठान के लोगों को चौंबीस घंटे के अंदर भवन और इमारतें खाली करने मुनादी करवा दी थी। इससे घबराये कई लोगों ने शनिवार से ही अपने मकान और प्रतिष्ठान खाली करने से शुरू कर दिए। अतिक्रमण के दायरे में आये शो-रूम भी खाली हो गये थे। कार्यवाही रोकने के लिये गठित सादुलगंज सघर्ष समिति ने बेमियादी धरना शुरू कर दिया और रविवार दोपहर न्यास प्रशासन के सख्त रवैये आहत होकर दो युवक मोबाईल टॉवर पर चढ गये। इस दौरान क्षेत्रवासियों ने टायर फूंके प्रदर्शन किया और धरना देकर विरोध जताया। मौके पर सीओ सदर भोजराज सिंह, सीआई ऋषिराज सिंह पहुंचे और लोगों से समझाइश की।
पूरी रात आंशका में बिताई
बताया जाता है कि सोमवार को तोडफ़ोड़ की कार्यवाही के लिये न्यास प्रशासन ने रविवार की रात ही सादुलगंज में पुलिस जाब्ता तैनात करवा दिया था। इससे लोगों में ज्यादा घबराहट हो गई। संघर्ष समिति के नेता भी पूरी रात सक्रिय रहे और क्षेत्र के लोगों को आंदोलन के लिये तैयार करने में जुटे रहे। आशियानें और आलिशान प्रतिष्ठान टूटने की आंशका से घबराये लोगों ने पूरी रात आंखों में बिताई, वहीं बड़ी तादाद में लोग अपने परिजनों के साथ आशियानें खाली करने में जुटे रहे। लेकिन सोमवार को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक की खबर आई तो लोगों के चेहरों पर छाई उदासी काफूर हो गई।
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