जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान में इस बार विधानसभा चुनावों में मुख्य चेहरे के रूप में पीएम नरेन्द्र पेश नहीं होंगे। पिछली बार के मुकाबले इस बार मोदी की जनसभाएं भी आधी से कम होंगी। 2013 के विधानसभा चुनावों से पहले ही मोदी को भाजपा चुनाव प्रचार अभियान समिति का प्रमुख बनाया गया था। उस समय उन्होंने राजस्थान में 21 सभाएं की थीं, जबकि इस बार यहां 9 से 12 सभाएं ही होंगी।
बीते दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तीनों राज्यों के प्रमुख नेताओं को साफ कर दिया है कि हिन्दी भाषी तीनों राज्यों में मोदी की ज्यादा सभाएं नहीं करवाई जाएंगी। छत्तीसगढ़ में 5 से 7, मध्यप्रदेश में 7 से 10 और राजस्थान में 9 से 12 सभाएं ही होंगी।
इस बीच भाजपा के कई नेता इस प्रयास में जुटे हैं कि कैसे भी मोदी की सभाएं ज्यादा से ज्यादा हों। जबकि महामुकाबले से पहले भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपने सबसे बड़े स्टार प्रचारक को दांव पर नहीं लगाना चाहता। इसलिए तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चेहरे को आगे रखकर पूरा चुनाव लड़ा जाएगा।
बता दें कि राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक दो सभाएं कर चुके हैं। पहली सभा जयपुर में हुई। इसे लाभार्थी सम्मेलन का नाम दिया गया और सभा सरकारी बताई गई। दूसरी सभा अजमेर में हुई जो पूरी तरह से चुनावी रही। मोदी की सभाओं का प्लान इस तरह से तैयार करवाया जा रहा है, जिससे वह बचे हुए संभागों में जा सकें। आलाकमान ने अब तक मोदी की 9 सभाओं को ही मंजूरी दी है।
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