बीकानेर/जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए इस बार भी कई कर्मचारी नेताओं ने भाग्य आजमाने के लिए ताल ठोक दी है। वर्तमान में तीन कर्मचारी नेता कांग्रेस और भाजपा से टिकट मांग रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से किसकी लॉटरी लगती है। प्रदेश की राजनीति में ्कर्मचारी नेता के तौर पर कांग्रेस से उदय सिंह राठौड़ को 1998 में बनीपार्क से टिकट दिया गया था। वह 1998 में विधायक बनकर विधानसभा भी पहुंचे। उसके बाद भाजपा ने शिक्षक नेता के तौर पर शिव किशोर सनाढ्य को उदयपुर से टिकट दिया। वे जीतकर विधानसभा पहुंचे।
बीकानेर पश्चिम विस सीट : भंवर पुरोहित
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत बीकानेर के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष भंवर पुरोहित भी चुनाव लडऩा चाहते हैं, इसलिए वह भाजपा से टिकट की मांग कर रहे हैं। पुरोहित ने बीकानेर पश्चिम सीट से अपनी दावेदारी पेश की हैं। पुरोहित लंबे समय से इस सीट पर मेहनत कर रहे हैं। पिछली बार भी वे टिकट की रेस में थे। तब उक्त सीट पर भाजपा के मौजूदा विधायक डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी की दावेदारी सबसे मजबूत थी, लेकिन अब ऐसी स्थितियां नहीं है। लिहाजा पुरोहित अपने लिए यहां से गुंजाइश ढूंढ रहे हैं।
जयपुर मालवीय नगर : महेश व्यास
सचिवालय अधिकारी सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष महेश व्यास मालवीय नगर से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। वे लगातार कांग्रेस के नेताओं से संपर्क में हैं। व्यास इससे पहले बीकानेर पश्चिम विधानसभा सीट से भी टिकट मांग चुके हैं, और वो भी भाजपा से। अबकी बार उन्होंने कांग्रेस के टिकट के लिए दौड़-धूप तेज कर रखी है। इसके लिए वे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, सह प्रभारी विवेक बंसल सहित तमाम नेताओं से मिल चुके हैं। उनकी ओर से तर्क दिया जा रहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र में 35 हजार कर्मचारी रहते हैं। उनके दम पर वह जीत हासिल कर सकते हैं। हालांकि इस सीट से कांग्रेस की मीडिया चेयरपर्सन अर्चना शर्मा चुनाव लड़ चुकी हैं। चुनाव लडऩे के लिए आगे भी तैयारी में है।
झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र : तेज सिंह राठौड़
तेज सिंह राठौड़ झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट मांग रहे हैं। तेज सिंह के पिता उदयसिंह राठौड़ परिसीमन से पहले बनीपार्क से कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। वे भी कर्मचारी नेता थे। अपने पिता के प्रभाव और जातिगत समीकरणों को हवाला देते हुए झोटवाड़ा से टिकट की मांग की जा रही है। हालांकि इस सीट से लाल चंद कटारिया और उनके परिवार के सदस्य लगातार दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। इस सीट से कटारिया परिवार अभी भी दावेदारी पेश किए हुए हैं।
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