Friday, September 20, 2024
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आरक्षित भूमि को आबादी प्रयोजनार्थ उपयोग में लेने के लिए संबंधित स्थानीय निकाय के अधीन किया जाता है : राजस्व मंत्री

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जयपुर Abhayindia.com राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 102क में धारा 92 के अन्तरर्गत आरक्षित भूमि को आबादी प्रयोजनार्थ उपयोग में लेने के लिए संबंधित स्थानीय निकाय के अधीन किया जाता है।

विधायक छोटू सिंह के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री ने बताया कि आबादी भूमि सेट अपार्ट के संबंध में राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 92 में प्रावधान है कि राज्य सरकार के सामान्य आदेश के अधीन जिलाधीश किसी विशेष प्रयोजन के लिए जैसे पशुओं के लिए निःशुल्क चारागाह के लिए वन आरक्षण के लिए (Forest reserve) आबादी के विकास हेतु या किसी अन्य सार्वजनिक या स्थानीय निकाय के लिए भूमि अलग रख सकेगा और ऐसी भूमि ऐसे प्रयोजनों के अतिरिक्त बिना जिलाधीश से पूर्व अनुमति के अन्य प्रयोग में नहीं ली जाएगी।

उन्होंने जानकारी दी कि आबादी कटान के संबंध में राजस्व नियमों में स्पष्ट उल्लेख नही है। मीणा ने कहा कि राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 92 के तहत आबादी प्रयोजनार्थ भूमि विभागीय परिपत्र प.2 (379) राज/ग्रुप-3/81 01 जून 1983 के द्वारा निर्धारित नोर्म्स अनुसार आरक्षित की जाती है। उन्होंने विगत पांच वर्षों में विधानसभा क्षेत्र जैसलमेर में आबादी प्रयोजनार्थ किये गये भूमि आवं‍टन/सेट अपार्ट का ग्रामवार विवरण सदन के पटल पर रखा।

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