Sunday, November 24, 2024
Homeबीकानेर...तो मिलावटखोरी के महफूज ठिकाने होंगे बेनकाब!

…तो मिलावटखोरी के महफूज ठिकाने होंगे बेनकाब!

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बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। जिले में बेखौफ हुए मिलावटखोरों की आने वाले दिनों में शामत आ सकती है। अगले सप्ताह घी, दूध और मावा के अलावा खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी करने वालों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू होगा। इस अभियान के तहत चिकित्सा विभाग ने मिलावटखोरों को पकडऩे के लिए रूपरेखा तैयार कर ली है। यह अभियान बीकानेर ही नहीं, बल्कि समूचे प्रदेश में चलेगा।

सूत्रों ने बताया कि आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं निदेशक जनस्वास्थ्य ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अभियान के तहत दूध, मावा, घी, पनीर एवं इससे निर्मित अन्य उत्पादों की सैंपलिंग की जाएगी। इसके लिये टीम का गठन किया जाएगा। यह टीम प्रत्येक दिन कम से कम दो प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर वहां पर दुग्ध निर्मित पदार्थों के नमूने लेंगी। इस कार्रवाई के दौरान यदि कोई व्यक्ति इसका विरोध करता है या नमूने भरने नहीं देता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ राजकीय कार्य में बाधा मानते हुए पुलिस प्रशासन की मदद ली जाएगी। इसको लेकर रसद विभाग के अधिकारियों की भी मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं।

आजीवन कारावास की सजा

खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वाले अब बच नहीं पाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा एफएसएसए एक्ट 2006 के सेक्सन 59 में बदलाव किया जा रहा है। इसमें यदि नमूना जांच में मिलावट व खाद्य पदार्थ असुरक्षित मिलने पर मिलावटखोर को आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी। वहीं जुर्माना भी तीन लाख के बजाय दस लाख चुकाना होगा।

जानकारी के अनुसार जांच के दौरान यदि खाद्य पदार्थों में मिलावट व स्वास्थ्य के हिसाब से अनसेफ की रिपोर्ट आने पर संबंधित मिलावटखोर के खिलाफ एक से तीन साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा तीन व अधिकतम सात लाख का जुर्माना तय है। इससे मिलावटखोरों में हड़कंप सा मचा हुआ है। हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा दो जुलाई तक आपत्तियां मांगी गई थी। सूत्रों का कहना है कि उनका निस्तारण हो चुका है और जल्द ही केंद्र सरकार द्वारा एक्ट में नया संशोधन लागू कर राज्यों सरकारों को भिजवा दिया जाएगा।

बीकानेर में पोल-पट्टी

बीकानेर में दूध व इससे निर्मित पदार्थों की जांच का काम लंबे समय से ठंडे बस्ते में हैं। सूत्रों मी मानें तो दागी अफसरों और सफेदपोशों के सरपरस्ती में यहां बड़े पैमाने पर मिलावट का खेल चल रहा है। पिछले कुछ सालों से तो बीकानेर मिलावट का बड़ा गढ़ बन चुका है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग चैन की बंशी बजा रहा है। अब राज्य सरकार पर प्रदेशव्यापी अभियान के ऐलान से अफसर परेशान है।

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