








जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में सियासी पारा बढ़ने लगा है। असल में, गहलोत सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद अब बयानों का दौर शुरू हो गया है। खासतौर से भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। इसी क्रम में भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि मंत्री का बर्खास्त होना यह दर्शाता है कि चुनाव के समय अशोक गहलोत स्वयं मान चुके हैं कि उनकी सरकार जाने वाली है। उन्होंने तो सच कहा कि राजस्थान में महिलाओं पर उत्पीड़न हो रहा है। अपनी नाकामियों पर काम नहीं करना है।
प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था, जंगलराज ठीक नहीं करना है। सच बोलने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई करना। यह साफ संकेत है कि गहलोत सरकार जा रही है। गुढ़ा की बर्खास्तगी को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और केंद्रीय गृहमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत सरकार पर हमला बोला है। राठौड़ ने कहा कि राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने अपनी बात विधानसभा में रखी कि महिला दुष्कर्म राजस्थान की सरकार को शर्मसार करता है। उसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाराजगी इस बात पर है कि राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने कैसे कह दिया कि महिला दुष्कर्म में राजस्थान एक नंबर पर है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत सरकार को घेरा है। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री में सच स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है। जब उनके मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में सच्चाई बताई, तो गहलोत जी को इतना बुरा लगा कि उन्होंने उन्हें पद से हटा दिया।
आपको बता दें कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा में शुक्रवार को न्यूनतम आय गारंटी बिल पर बहस के दौरान अपनी ही सरकार पर महिला सुरक्षा में विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गए हैं। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। ऐसे में हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। गुढ़ा के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश मंजूर करते हुए राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।





