नई दिल्ली Abhayindia.com प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भोपाल में समान नागरिक संहिता (uniform civil code) को लेकर दिए गए बयान के बाद इसके विरोध और समर्थन के स्वर तेज होने लगे है। खासतौर से विपक्ष इस मामले में दो खेमों में बंटा हुआ नजर आ रहा है। जबकि विपक्षी दलों ने गत 23 जून को महागठबंधन बनाने के लिए एकजुट हुए और भाजपा को हराने की बात कही थी। समान नागरिक संहिता को आम आदमी पार्टी के बाद अब शिवसेना (उद्धव गुट) ने भी समर्थन का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा था कि हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं। लेकिन जो लोग इसे ला रहे हैं, उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि इससे सिर्फ मुसलमानों को परेशानी होगी, बल्कि इससे बल्कि इससे हिंदुओं को भी दिक्कत होगी और कई सवाल उठेंगे।
आपको बता दें कि गत 23 जून को पीएम मोदी ने भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दिया था। मोदी ने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों के लिए एक समान अधिकार मिला है। दो अलग–अलग कानूनों से घर तक नहीं चलता तो देश कैसे चलेगा।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के बाद अब अपने एक और एजेंडे नागरिक संहिता को लेकर अपने कदम आगे बढ़ा रही है।
इधर, समान नागरिक संहिता पर पीएम मोदी के बयान के बाद मुस्लिम संगठनों से लेकर विपक्ष तक ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस भाजपा पर इसके बहाने राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगा रही है। वहीं, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी विरोध करते हुए लॉ कमीशन तक जाने की बात कर दी।
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