Monday, May 13, 2024
Hometrendingवेटरनरी: अंतिम छोर के किसानों तक पहुंचे जैविक पशुपालन तकनीक, शिक्षा परिषद...

वेटरनरी: अंतिम छोर के किसानों तक पहुंचे जैविक पशुपालन तकनीक, शिक्षा परिषद की बैठक…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर abhayindia.com वेटरनरी विश्वविद्यालय की प्रसार शिक्षा परिषद् की बैठक मंगलवार को कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार के समन्वय से ही वांछित परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। विश्वविद्यालय के आधारभूत ढांचे को सामाजिक जरूरतों के मुताबिक तैयार किया गया है। अत: पूरी शिद्दत के साथ अपने कार्यों को अंजाम देना है। कुलपति ने राज्य के 15 पशु विज्ञान केन्द्रों और एक कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यों की समीक्षा बैठक में कहा कि पशुपालन उपयोगी तकनीकों को आम किसान और पशुपालकों तक पहुंचाने के लिए कार्य योजना के तहत कार्य करने की जरूरत है।

कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि पशुपालन कार्यों में महिलाओं की भागीदारी को देखते हुए उन्नत एवं वैज्ञानिक पशुपालन के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पचास प्रतिशत उपस्थिति महिला कृषकों व पशुपालकों की रखी जाए। इसके लिए प्रत्येक पशु विज्ञान केन्द्र में स्वरोजगार के लिए कम मूल्य की तकनीक के मॉडल विकसित कर पशुपालकों को प्रेरित करना होगा। जैविक पशुपालन, पौष्टिक पशु आहार और पशु उत्पादों के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्द्धन के प्रदर्शन आयोजित किए जाएं। कुलपति ने बताया कि जैविक पशुपालन पर केन्द्रित प्रशिक्षण पशुपालकों को प्रदान किये जायेगे ताकि जैविक पशुपालन तकनीकों का लाभ अन्तिम छोर पर बैठे किसानों व पशुपालकों को मिल सके। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूडिय़ा ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पशु विज्ञान केन्द्रों की ओर से वर्ष 2019-20 में 512 वैज्ञानिक और उन्नत पशुपालन के प्रशिक्षण शिविर आयोजित करके 57 हजार 739 किसान और पशुपालकों को लाभान्वित किया गया। पशुपालको व किसानों के 87 व्हाट्स-एप समूह बनाकर 14 हजार से भी अधिक किसान और पशुपालकों को सोशल मीडिया से जोड़कर कोविड-19 में भी उन्नत पशुपालन के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए।

पशुपालक ई-चौपाल और वेबिनार के माध्यम से पशुपालन संबंधित एडवाइजरी और वैज्ञानिक वार्ताओं का प्रसारण किया गया। बैठक में वित्त नियंत्रक अरविंद बिश्नोई ने पशु विज्ञान केन्द्रों की कार्यप्रणाली को अत्यंत उपयोगी बताया। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. एस.के. शर्मा ने केन्द्रों की कार्यप्रणाली को सुद्दढ बनाने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए।

उरमूल डेयरी के महाप्रबंधक डॉ. एस.एन. पुरोहित, पशुपालन के अतिरिक्त निदेशक डॉ. हुकमाराम ने राजुवास के प्रसार प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की। परिषद् के मनोनीत सदस्य डॉ. दिनेश भौंसले (पुणे), पशुपालन उपनिदेशक डॉ. वीरेन्द्र नेत्रा, ऊन उद्यमी कमल कल्ला, श्रुति बांठिया, हनुमान रांका ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने विश्वविद्यालय के ‘न्यूज लेटर’ के नवीन अंक और पशु विज्ञान केन्द्र, बाकलिया, नागौर द्वारा प्रकाशित एक फोल्डर का विमेाचन किया।

 

Preview YouTube video होली की शहर वासियों को शुभकामनाएं : डॉ. कृष्णा आचार्य (लेखिका एवं साहित्यकार)

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular