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नई दिल्ली। भारत में कई आतंकी हमलों को साजिश रचने के साथ उन्हें अंजाम दे चुके जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आखिरकार वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि मसूद अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में जुड़ गया है। मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया जाना भारत सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है, क्योंकि भारत काफी लंबे समय से तथा खासतौर से 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से इसके लिए लगातार जोर दे रहा है। इस दरम्यान चीन अपनी वीटो का इस्तेमाल कर रोड़ा अटका रहा था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बुधवार को इसका फैसला हुआ।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, “सभी देशों ने मिलकर यह फैसला लिया है।’ चीन ने मंगलवार को ही इसके संकेत दे दिए थे कि वह इस बार मसूद का नाम प्रतिबंधित सूची में शामिल करवाने की कोशिशों में रोड़ा नहीं बनेगा। हालांकि, इससे पहले चीन ने मार्च 2016 से इस साल की शुरुआत तक 4 बार भारत की कोशिशों को तकनीकी कारण बताकर रोका था। चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल में चीन के दौरे पर थे। इस दरम्यान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इस मुलाकात के दौरान ही चीन ने इमरान को मसूद अजहर पर अपने फैसले की जानकारी दे दी थी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन पर दुनिया के कई देशों का दबाव था।
कौन होगा वैश्विक आतंकी? परिषद ही करती है फैसला
किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद करती है। सुरक्षा परिषद में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थायी सदस्य हैं। इनके अलावा 10 अस्थायी सदस्य हैं। किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है। इस सूची में नाम आने के बाद वह व्यक्ति वैश्विक आतंकी घोषित हो जाता है। दुनियाभर में उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं। उसके यात्रा करने और उसे हथियार मुहैया कराने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
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