Thursday, May 15, 2025
Hometrendingतुर्किए ने पाकिस्तान के साथ खड़ा होकर कर दी गलती, शुरू हो...

तुर्किए ने पाकिस्तान के साथ खड़ा होकर कर दी गलती, शुरू हो गया आर्थिक बहिष्‍कार, जानें- राजस्‍थान के कारोबारियों का रुख…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जयपुर Abhayindia.com भारत और पाकिस्‍तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण माहौल के बीच अब तुर्किए के खिलाफ भी विरोध के स्‍वर तेज हो गए है। तुर्किए की ओर से पाकिस्तान का समर्थन करने पर देशभर में तुर्किए के उत्पादों और सेवाओं का कारोबारी स्तर पर बहिष्कार शुरू हो गया है।

आपको बता दें कि भारत और तुर्किए के बीच औसतन सालाना लगभग 80 हजार करोड़ रुपये का द्विपक्षीय व्यापार होता है, जिसमें राजस्थान की हिस्सेदारी करीब एक से डेढ़ प्रतिशत तक मानी जाती है। इस व्यापार में मुख्य रूप से जेम्स एंड ज्वेलरी, मार्बल, मसाने और कुछ मशीनरी की वस्तुएं शामिल होती हैं। फैडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स (फोरे) के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने बताया कि तुर्किए ने पाकिस्तान के साथ खड़ा होकर न केवल भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते खराब किए हैं, बल्कि खुद के लिए एक उभरते हुए बड़े बाजार को भी गंवा दिया है।

उन्होंने कहा कि यह तुर्किए के लिए ‘अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने’ जैसा कदम है। अरोड़ा ने बताया कि राजस्थान हर साल तुर्किए से करीब 800 से 1000 करोड़ रुपये का आयात करता है, जो मुख्य रूप से जेम्स एंड ज्वेलरी और मार्बल सेक्टर से जुड़ा हुआ है। ज्वेलरी उद्योग में प्लेटिंग मशीनें तुर्किए से मंगवाई जाती थीं, वहीं मार्बल और कुछ अन्य निर्माण संबंधित उपकरण भी वहां से लाए जाते थे।

अरोड़ा ने बताया कि तुर्किए से व्यापार बंद करने के फैसले के बाद अब राजस्थान के कारोबारी इटली और हांगकांग जैसे वैकल्पिक बाजारों की ओर रुख करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि तुर्किए भारत के लिए एक संभावनाओं से भरा बाजार था, लेकिन अब उसके पाकिस्तान के पक्ष में खड़े होने के कारण भारतीय व्यापारियों का विश्वास पूरी तरह से टूट गया है।

इस बहिष्कार अभियान को राजस्थान के व्यापारिक संगठनों का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है। राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आरसीसीआई) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने न सिर्फ तुर्किए से आयात बंद करने की वकालत की, बल्कि राज्य के सभी व्यापारियों से अपील की कि वे किसी भी तरह का कारोबारी संबंध तुर्किए से खत्म करें।

उन्होंने बताया कि वे आरसीसीआई के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मारवाड़ी सम्मेलन, राजस्थान (आईएमएफ) के अध्यक्ष, फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) के कार्यकारी अध्यक्ष और भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूएमवी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक व्यापारिक निर्णय नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय भावना और सुरक्षा से जुड़ा मामला है।

अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर की मार्बल मंडी, जो देश में अपनी विशेष पहचान रखती है, ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब तुर्किए से किसी भी प्रकार का मार्बल आयात नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि तुर्किए से जो मसाने (सजावट और निर्माण में काम आने वाले उत्पाद) और मशीनरी मंगाई जाती है, उनका भी संपूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने सभी उद्योगपतियों और व्यापारियों से आह्वान किया कि देशहित में एकजुट होकर तुर्किए के खिलाफ यह आर्थिक जवाबी कार्रवाई तेज़ की जाए।

Ad Ad Ad Ad
- Advertisment -

Most Popular