








जयपुर/बीकानेर abhayindia.com जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के DGM कार्यालय को जयपुर स्थानांतरित करने के निर्णय को बीकानेर की जनता के साथ धोखा बताया है। डॉ. कल्ला ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इस फैसले को तत्काल रोककर पूर्व में दिए गए आश्वासन की पालना का आग्रह किया हैं।
साथ ही उन्होने केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भी बीकानेर के हितों एवं बैंक यूनियनों की मांग को देखते हुए इस निर्णय को रुकवाने के लिए लिखा है। जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ऑल राजस्थान एसबीआई एंप्लाइज एसोसिएशन, बीकानेर तथा अन्य बैंक यूनियनों की ओर से डीजीएम कार्यालय को बीकानेर में रखने के लिए चलाई जा रही मुहिम के प्रति उनका पूरा समर्थन एवं सहयोग है।
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डॉ. कल्ला ने बताया कि वर्ष 2017 में जब एसबीआई ने एसबीबीजे का अधिग्रहण किया था, उस समय भी उन्होंने स्वयं तथा बीकानेर के अन्य जनप्रतिनिधियों ने इस निर्णय का भारी विरोध किया था, लेकिन भारत सरकार ने अपनी हठधर्मिता से एसबीबीजे का अधिग्रहण कर लिया था। मगर उस समय में यह आश्वासन दिया गया था कि एसबीआई का डीजीएम कार्यालय बीकानेर में ही रहेगा, मगर अब उस आश्वासन के विरुद्ध इस कार्यालय को जयपुर स्थानांतरित करने का फैसला बीकानेर के साथ वादाखिलाफी है।
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डॉ. कल्ला ने बताया कि आजादी से पहले रियासत कालीन समय में बैंक ऑफ बीकानेर लिमिटेड की स्थापना हुई थी, बाद में इस बैंक का जयपुर बैंक द्वारा अधिग्रहण कर लिए जाने पर वर्ष 1963 से इसका नाम स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर हो गया।
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उस समय बैंक का प्रधान कार्यालय जयपुर में स्थापित हुआ, वहीं बैंक के सेंट्रल अकाउंट भविष्य निधि विभाग एवं लेखन सामग्री डिपो जैसे दो बड़े ऑफिस बीकानेर में ही रखे गए। उन्होंने बताया कि वर्ष 1982 में इन विभागों को भी जब जयपुर ले जाने का निर्णय लिया गया तो कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध करते हुए 12 दिन तक लगातार हड़ताल की थी। इसके फलस्वरूप बैंक यूनियनों के साथ समझौता हुआ जिसमें इन विभागों के सभी कर्मचारियों को बीकानेर में ही पदस्थापित करने का फैसला हुआ। इसी समझौते के तहत बीकानेर में आंचलिक कार्यालय की स्थापना हुई, जिसके प्रमुख डीजीएम थे।
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