








बीकानेर abhayindia.com उद्योग जगत के समक्ष आ रही समस्याओं को लेकर व्यापारी वर्ग चिन्तित है। कोरोना काल में व्यापार-उद्योग मंदे चल रहे हैं। इसके बावजूद व्यापारियों से बिजली का स्थायी शुल्क वसूला जा रहा है। इसी तरह की कई समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर गुरुवार को औद्योगिक वाद एवं शिकायत निवारण तन्त्र के रमेश कुमार अग्रवाल (कालू) एवं जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलक्टर नमित मेहता से मुलाकात की। साथ ही कलक्टर का अभिनंदन किया। उन्हें अवगत कराया कि पूरे शहर में निषेधाज्ञाा लागू है, ऐसे में वहीं बिजली कंपनी का सहायक अभियंता कार्यालय(डी-३) भी इसमें आता है, इस स्थिति में व्यापारियों के समक्ष बिल जमा कराने की परेशानी हो रही है।
ऐसे में कंपनी की ओर से बिल भुगतान की तिथि से 3 दिन पूर्व रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र स्थित जीएसस पर केश वेन खड़ी की जाए ताकि उद्यमी अपनी इकाइयों के बिल जमा करवाकर हाथों-हाथ रशीद प्राप्त कर सके। बिजली कंपनी स्थायी शुल्क को बिलों में 50 प्रतिशत के हिसाब से वसूल रही है।
व्यापारियों ने कलक्टर को अवगत कराया कि इसके लिए मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की ओर से दी गई रिपोर्ट में स्थायी शुल्क माफ करने की सिफारिश की गई है, इसलिए जब तक कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लिया जाता है तब तक वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी को स्थायी शुल्क को 25 प्रतिशत के हिसाब से वसूल किया जाना चाहिए।
वसूली जा रही ऑडिट राशि
वर्तमान में जोधपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से लगभग सभी बिलों में ऑडिट में बकाया राशि निकाली जा रही है जिसको कंपनी द्वारा जारी बिजली बिलों में जोड़कर उपभोक्ता को भिजवाया जाता है। इसके लिए उपभोक्ता को ऑडिट राशि को अलग करवाकर बिल दुरुस्त करावाने के लिए जाना पड़ता है। इसलिए कंपनी को पहले से ही इस ऑडिट राशि को डेफर्ड एकाऊंट में दर्शाया जाना चाहिए।
यह भी है समस्या
व्यापारियों की सदस्य इकाई की ओर से अपनी इकाई का कन्वर्जन औद्योगिक कन्वर्जन के रूप में 25 नवम्बर 2011में करवाया था जिसके तहत इकाई ने कन्वर्जन चार्ज भी जमा करवा दिया गया था, इकाई की ओर से इस भूमि पर औद्योगिक गतिविधि भी शुरू कर ली गई, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2010 के तहत रजिस्ट्री शुल्क भी जमा करवा दिया था। लेकिन अब पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग वृत बीकानेर की ऑडिट की ओर से इस भूमि को आवासीय मानते हुए रूपांतरण शुल्क आवासीय के हिसाब से जारी करवाने का मुद्रांक राशि का नोटिस जारी कर दिया है। एक ओर इस महामारी के समय सभी इकाइयां अपने अस्तित्व को बरकरार रखने की जुगत में है वहीं दूसरी ओर पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग वृत बीकानेर की ओर से ऐसी गलत ऑडिट निकालकर उद्यमियों की परेशानी को कम करने की बजाय बढ़ा दिया है।
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