बीकानेर abhayindia.com ‘इंटरनेशनल डे फॉर ड्रग एब्यूज एण्ड इल्लिसिट ट्रैफिकिंग’ को नशा मुक्ति दिवस के रूप में मनाते हुए जिले भर में विभिन्न विभागों व संस्थानों ने मिलकर नशे के नाश के लिए आवाज बुलंद की। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में नशामुक्ति पर गोष्ठियां व शपथ ग्रहण कार्यक्रम किए गए। “न्याय के लिए स्वास्थ्य व स्वास्थ्य के लिए न्याय” थीम पर दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए चिकित्सा सहित अनेक विभाग एकजुट दिखे।
समाज कल्याण व चिकित्सा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में वरदान हॉस्पिटल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में उप निदेशक जनसंपर्क विकास हर्ष ने नशे के किसी भी प्रकार के व्यापार द्वारा लाभ कमाने को आत्मघाती करार दिया। उन्होंने कहा कि अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए अगर कोई नशे का व्यापार करता है या प्रोमोट ही करता है तो अंततोगत्वा वह भी नशे के दुष्प्रभाव का शिकार होने से नहीं बच सकता। यहाँ तक कि कोई साहित्यकार या फिल्मकार अपनी रचना में नशेड़ी चरित्र को महिमामण्डित करता है तो उससे प्रेरणा उसका परिवार भी लेगा क्योकि वो भी समाज का ही हिस्सा है। उन्होंने संचार के सभी माध्यमो व समस्त मीडिया हाउस से नशे की खिलाफत करने और समाज को सही दिशा देने की अपील की।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने नशे को अधिकाँश असंक्रामक बीमारियों जैसे कैंसर, ह्रदय रोग, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप तथा टीबी जैसे कई संक्रामक रोगों के पीछे बड़ा फैक्टर बताया। वरदान हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. सिद्धार्थ असवाल ने नशे के प्रकार, लत, कारण, बचाव व उपचार पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इस बुराई के सभ्य समाज व महिलाओं में प्रसारित होने पर चिंता जताई। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एल.डी. पंवार ने नशे के नुकसानों से अनपढ़ों, गरीबों या ग्रामीणों को ही नहीं, बल्कि शिक्षित व उच्च आय वर्ग को भी जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। अनुजा निगम के परियोजना निदेशक सुखमाराम द्वारा युवाओं को समय पर रोजगार से जोड़ने व मुख्य धारा में शामिल करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग के हेल्प लाइन 104 पर बिना तकलीफ के नशा मुक्ति के लिए सलाह व सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध है जिससे हजारों व्यक्ति तम्बाकू व नशे को छोड़ अपना जीवन सुधार चुके हैं। इस अवसर पर आबकारी विभाग से लियाकत अली, राजेन्द्र भार्गव, सहायक प्रशासनिक अधिकारी शिव कुमार सोनी व लेखाधिकारी हेमंत व्यास, अधीक्षक नारी निकेतन शारदा चैधरी ने भी अपने विचार साझा किए।