








बीकानेर Abhayindia.com दिसंबर माह में पशुओं में कई तरह के रोग फैल सकते हैं। पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर के वैज्ञानिकों ने कुछ एक रोगों की आशंका व्यक्त की है। पूर्व आंकड़ों के आधार पर मौसम आधारित पशु रोग घोषित किए है।
यह दिए सुझाव…
पशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिसम्बर माह में तापमान काफी कम हो जाता है जिससे बचाने के लिए पशुुओं को रात को छत या छप्पर के नीचे बांधें, दिन के समय पशु को धूप में बांधें। पशुओं को ऊर्जा की आवश्यकता अधिक होती है, अत: भोजन में चारे-बांटे की मात्रा बढ़ाएं। लवण-मिश्रण भी शामिल करें।
इस समय पैदा होने वाले नवजात पशुओं को समुचित मात्रा में खीस पिलाएं,सर्दी से बचाने के लिए उन्हें बंद कमरे में रखें लेकिन ताजा हवा का आवागमन सुनिश्चित करें। पशुओं को परजीवी नाशक दवा देने से पशुओं को परजीवी प्रकोप से बचाया जा सकता है एवं इससे दुग्ध उत्पादन भी बढ़ता है।
पशु आहार में हरे चारे की मात्रा नियंत्रित रखें व सूखे चारे की मात्रा बढ़ाकर दें क्योंकि हरे चारे को अधिक मात्रा में खाने से पशुओं में दस्त अथवा एसिडोसिस की समस्या हो सकती है।
किसी भी पशु में लगातार बुखार, दस्त, नाक से पानी आना जैसे न्यूमोनिया के लक्षण दिखाई देने पर उसे तुरंत अन्य पशुओं से अलग करें। निकटतम पशु चिकित्सक सलाह लें, खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू, पी.पी.आर., फड़किया, छोटी माता, ठप्पा रोग के टीके नहीं लगवाएं हो तो जल्द ही उसके टीके लगवाएं।
जिलेवार संभावित रोग…
दिसंबर माह में सर्वाधिक संभावित रोगों में पी.पी.आर. भेड़, बकरी पाली, सिरोही, कोटा, सीकर, टोंक, बारां, बूंदी, चूरू, बीकानेर, हनुमानगढ़, सिरोही, दौसा में संभवित है, वहीं खुरपका-मुंहपका रोग गाय, भैंस, बकरी, भेड़ में होने की आशंका है, यह धौलपुर, सवाईमाधोपुर, अजमेर, अलवर, बारां, बूंदी, हनुमानगढ़, जालोर, नागौर, राजसमन्द, सीकर, टोंक, कोटा, चित्तौडग़ढ़, बारां, चूरू, बीकानेर, जयपुर, गलघोंटू रोग भैंस, गाय में होने की आशंका है यह जयपुर, भीलवाड़ा, अलवर, दौसा, धौलपुर, सीकर, चित्तौडग़ढ़, टोंक, भरतपुर, बांसवाड़ा में फैल सकता है। इसी तरह चेचक,छोटी माता ऊंट, भेड़, बकरी में संभावना है, यह बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, पाली, सीकर में आशंकित है। इसी तरह लंगड़ा बुखार रोग गाय, भैंस में फैल सकता है, यह चित्तौडग़ढ़, हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, नागौर के पशुओं में हो सकता है। फेसियोलोसिस रोग भैंस, गाय, बकरी, भेड़ में फैलने की आशंका है, यह भरतपुर, कोटा, धौलपुर, डूंगरपुर, सीकर, बून्दी, अलवर, बांसवाड़ा के पशुओं में हो सकता है।
इनसे लें सुझाव…
इन रोगों की आशंका को देखते हुए पशुपालक वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. आर.के. सिंह, विभागध्यक्ष प्रो. अन्जु चाहर, एवं डॉ. जे.पी. कछावा, प्रभारी अधिकारी से सम्पर्क कर सुझाव लें सकते हैं।





