




बीकानेर Abhayindia.com महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय का नवम दीक्षांत समारोह बुधवार को प्रातः 10 बजे से विश्वविद्यालय के संत मीराबाई सभागार आयोजित किया जाएगा। इस समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल हरिभाऊ बागडे करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में ऑर्गेनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर शिरकत करेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने बताया कि दीक्षान्त समारोह में परीक्षा वर्ष 2022 एवं 2023 के अंतिम वर्षों के सफलतम विद्यार्थियों को उपाधि एवं पदक तथा 01 जनवरी, 2022 से 31 दिसम्बर, 2023 की अवधि में शोध कार्य सम्पन्न कर चुके अभ्यर्थियों को विद्या-वाचस्पति की उपाधि प्रदान की जाएगी।
आचार्य दीक्षित ने बताया कि विद्यार्थियों को समय पर उपाधि मिल सके, इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा इस वर्ष परीक्षा 2022 एवं परीक्षा 2023 का दीक्षान्त समारोह एक साथ आयोजित किया जा रहा है। दीक्षान्त समारोह में परीक्षा वर्ष 2022 के कुल 1,26,949 और परीक्षा वर्ष 2023 के कुल 1,21, 020 विद्यार्थियों को उपाधियाँ दी जाएगी। साथ ही विभिन्न कक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षा वर्ष 2022 के कुल 63 एवं 2023 के कुल 62 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे।
दीक्षान्त समारोह में वर्ष 2022 एवं वर्ष 2023 में विभिन्न संकायों में कुल 134 अभ्यर्थियों विद्या-वाचस्पति (पीएचडी) की उपधि भी दी जाएगी। आचार्य दीक्षित ने बताया कि कुलाधिपति एवं राज्यपाल द्वारा संत मीराबाई सभागार में विश्वविद्यालय के ड्राईंग एवं पेंटिंग के विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई आर्ट गैलेरी का लोकार्पण किया जाएगा।
कुलसचिव अरविन्द बिश्नोई ने बताया कि दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति द्वारा परीक्षा वर्ष 2022 में विज्ञान संकाय की सरोज देवी को कुलाधिपति पदक एवं सुश्री खुशबू भटेजा को कुलपति पदक तथा परीक्षा वर्ष 2023 में सामाजिक विज्ञान संकाय की सुश्री तनु को कुलाधिपति पदक एवं विधि संकाय की सुश्री यामिनी मिश्रा को कुलपति पदक प्रदान किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के अतिरिक्त कुलसचिव एवं मीडिया प्रभारी डॉ बिट्ठल बिस्सा ने बताया कि दीक्षान्त समारोह की व्यापक तैयारियां की गई हैं। पूरे परिसर में विशेष साफ-सफाई अभियान चलाकर परिसर को साफ-सुथरा एवं रंगीन तथा विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालयों के झण्डों से सजाया गया है। दीक्षान्त समारोह को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं अधिकारियों की कमेटियों का गठन कर अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए अलग-अलग कमेटियों का गठन कर उनसे लगातार सम्पर्क किया जा रहा है।





