Monday, March 31, 2025
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हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग की हठधर्मिता को माना गंभीर, संयुक्‍त निदेशक का वेतन रोकने का आदेश

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जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने चुरू निवासी दिनेश कुमार मेघवाल की अवमानना याचिका में शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही हठधर्मिता को गम्भीर मानते हुए संयुक्त निर्देशक, स्कूल शिक्षा चुरू संभाग चुरू की वेतन (पगार) रोकने का आदेश पारित किया है।

सनद् रहे चुरू निवासी दिनेश मेघवाल की तदर्थ आधार पर नियुक्ति अध्यापक ग्रेड द्वितीय के पद पर दिनांक 22.12.1996 को हुई थी। अपीलार्थी ने दिनांक 11.01.1997 को अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। प्रार्थी को नियुक्ति के पश्चात् दिनांक 31.05.1997 को ग्रीष्मावकाश होने के कारण कार्य मुक्त कर दिया गया। विभाग ने आदेश दिनांक 07.06.1997 प्रार्थी को पुनः अध्यापक ग्रेड द्वितीय के पद पर नियुक्त किया गया। प्रार्थी में पुनः कार्यभार ग्रहण कर लिया।

प्रार्थी विभाग द्वारा कालांतर में उसे व्याख्याता ( राजनीति विज्ञान) के पद पर पदोन्नति आदेश दिनांक 10.05.2019 के द्वारा प्रदान कर दी गयी। अपीलार्थी वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रतनगढ़ चुरू में व्याख्यता के रूप में सेवायें दे रहा है। अपीलार्थी द्वारा उसे प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवाओं की गणना न करने व ग्रीष्मावकाश का वेतन (पगार) भी विभाग द्वारा नहीं दिये जाने के विरूद्ध एक अपील भी विभाग द्वारा नहीं दिये जाने के विरूद्ध एक अपील राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के समक्ष वर्ष 2019 में प्रस्तुत की।

अपीलार्थी की अपील दिनांक 21.07.2022 के आदेश से अधिकरण ने स्वीकार करते हुए उसे प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवाओं की गणना करने व उसे ग्रीष्मावकाश का वेतन (पगार) देने का आदेश पारित किया। अधिकरण के आदेश की लम्बे समय तक पालना नहीं होने पर अपीलार्थी ने एक अवमानना याचिका अधिकरण के समक्ष वर्ष 2023 में प्रस्तुत की। अधिकरण के समक्ष विभाग द्वारा पालना रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने व निरन्तर समय मांगने पर अधिकरण ने इस आदेश की अवमानना मानते हुए अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 10 के तहत उच्च न्यायालय को सजा के लिए संदर्भित (रेफर कर दिया गया।

उच्च न्यायालय के समक्ष विभाग द्वारा 30.01.2025 का आदेश प्रस्तुत किया गया। जिसके तहत विभाग द्वारा कागजी पालना प्रस्तुत की गयी । वास्तविकता में कोई पालना नहीं की गयी। अपीलार्थी के अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा का न्यायालय के समक्ष यह तर्क था कि कागजी पालना करना वास्तविक पालना से कोषों दूर है वास्तविकता में अपीलार्थी को कुछ भी नहीं दिया गया है केवल अवमानना से बचने के लिए संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा चुरू संभाग चुरू ने कागजी पालना प्रस्तुत
की है जो धरातल से कोषों दूर है। विभाग द्वारा पालना के लिए 15 दिन का फिर समय चाहा गया। विभाग के इस हठधर्मिता पर प्रसंज्ञान लेते हुए पत्रावली को पुनः 17 अप्रेल 2025 को लगाने का आदेश किया व दिनांक 30 जनवरी 2025 के आदेश की पालना नहीं करने व प्रार्थी को वेतन (पगार) व सेवाओं की गणना प्रथम नियुक्ति से नहीं करने की विभाग की हठधर्मिता मानते हुए संयुक्त निदेशक स्कूल विभाग चुरू संभाग चुरू की वेतन (पगार) आगामी दिनांक 17 अप्रेल 2025 तक रोके रखने का आदेश पारित किया एवं इस आदेश की प्रति निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर को भी भेजने का आदेश पारित किया।

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