जयपुर Abhayindia.com कोरोनाकाल में मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी ऑक्सीजन को लेकर हो रही है। इसकी किल्लत के चलते कई मरीजों की जानें जा चुकी है। इस बीच राज्य सरकार ने आक्सीजन की पूर्ति के लिए निजी अस्पतालों पर भी जिम्मेदारी डालते हुए इस मामले में उन्हें “आत्मनिर्भर” बनाने जा रही है।
चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के हवाले से आई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार सभी संभव उपायों के जरिए ऑक्सीजन की व्यवस्था कर रही है। इस बीच, सरकारी कोविड डेडीकेटेड सेंटर्स के अतिरिक्त जिन निजी अस्पतालों में 60 या उससे अधिक बेड्स है, वहां के 50 प्रतिशत बेड्स पर ऑक्सीजन की व्यवस्था होना जरूरी है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि ऎसे निजी चिकित्सालयों में सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइप लाइन की स्थापना हो और कम से कम 50 प्रतिशत बेड्स इस सिस्टम से जुड़े हो। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के जरिए मरीजों को निरंतर ऑक्सीजन मिल सके इसके लिए अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट 2 माह में स्थापित किया जाना अनिवार्य है।
चिकित्सा विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के स्थापना के संबंध में बताया कि मेडिकल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना के लिए राज्य सरकार के उद्योग विभाग की ओर से विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है, जिसका लाभ लेकर निजी चिकित्सालय अपने यहां इन प्लांट की स्थापना कर सकते हैं।
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