बीकानेर Abhayindia.com हिंदी-राजस्थानी के गद्य-पद्य में लेखनकर्म करने वाले बीकानेर के सुनील गज्जाणी का बाल नाटक आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। गज्जाणी का बाल नाटक-“सेर पे सवा सेर” को सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एज्युकेशन (CBSE), नई दिल्ली द्वारा निज़ी विद्यालयों के अंतर्गत द्वय संपादक मंडल प्रो. (डॉ.) नवलकिशोर दूबे एवं प्रो. (डॉ.) अरुण कुमार पांडे द्वारा आठवीं कक्षा की पुस्तक “भाषा केसरी” हिंदी पाठमाला लागू किया गया है। इस पाठ्य पुस्तक को ” मस्कट लर्निंग हब प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली” ने प्रकाशित किया है।
सुनील गज्जाणी का इससे पूर्व भी चार भिन्न-भिन्न राज्यों के निज़ी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में कक्षा-सातवीं के अंतर्गत एक नाटक को सम्मिलित किया जा चुका है! हिंदी-राजस्थानी में एकल रूप से अब तक पांच पुस्तकें गज्जाणी की हो चुकी हैं जिसमें ओस री बूंदाँ (काव्य संग्रह), बोई काट्या हे (बाल नाट्य संग्रह) किनारे से परे एवं अन्य तीन नाटक (नाट्य संग्रह), एक वन दो-दो राजा एवं अन्य तीन नाटक (बाल नाट्य संग्रह), चूहे की बारात बाराती बिल्ली मौसी (बाल काव्य संग्रह ) नामक प्रकाशित हो चुके हैं! पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य पुरस्कार, सुरेंद्र वर्मा बाल शिखर सम्मान, पीथळ पुरस्कार चंद्र सिंह बिरकाली, भिलाई वाणी पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कार एवं विद्यावाचस्पति, हिंदी भाषा भूषण, काव्य कुमुद सहित अनेक मानद उपाधियां, लालबहादुर शास्त्री, स्वामी विवेकानंद सम्मान, बाल सलिला रत्न सम्मान सहित अनेक प्रदेश-देश स्तर पर प्राप्त हो चुके हैं! सुनील गज्जाणी की रचनाओं का समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं के अतिरिक्त अंतरजाल सहित आकाशवाणी-दूदर्शन पर प्रसारण होता रहता है! इसके अतिरिक्त गज्जाणी की अनेक रचनाओं का सिंधी, गुजराती, पंजाबी, मराठी, नेपाली भाषाओं में अनुवाद हो चुका हैं!