Sunday, May 19, 2024
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भाखड़ा में पानी की कमी, बागों को नहीं मिल रहा अतिरिक्‍त पानी, इधर- गंगनहर बनी सहारा

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जयपुर Abhayindia.com जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि भाखड़ा क्षेत्र में भाखड़ा परियोजना क्षेत्र में पानी की बचत नहीं होने के कारण किन्नू के बागों को सिंचाई के लिए अतिरिक्‍त पानी नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गंगनहर प्रणाली के अन्‍तर्गत बागों के लिए अतिरिक्‍त पानी दिया जा रहा है।

मालवीय ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि भाखड़ा प्रणाली की डीपीआर के आधार पर ही पानी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी की कमी होने के कारण अतिरिक्त पानी नहीं बच पाता है। उन्होंने बताया कि नहर के टूटे हुए हिस्सों की राज्य सरकार द्वारा मरम्मत कराई जा रही है।

इससे पहले जल संसाधन मंत्री ने विधायक गुरदीप सिंह के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि गंगनहर प्रणाली के अन्‍तर्गत बागों के लिए अतिरिक्‍त पानी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1945 में कैनाल हैड पर पानी की मात्रा का 1 प्रतिशत या कुल 27 क्‍यूसेक पानी बागों को प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से आरक्षित किया गया था। इस परिपेक्ष्‍य में आदेश दिनांक 16 अक्टूबर 1999 एवं 18 जनवरी 2011 के अनुसरण में गंगनहर प्रणाली में बागों को अतिरिक्‍त पानी दिया जा रहा है।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि भाखडा प्रणाली में पानी की बचत नहीं होने के कारण भाखडा परियोजना के अन्‍तर्गत बागों को अतिरिक्‍त पानी नहीं दिया जाता है। भाखडा परियोजना क्षेत्र में पानी की बचत नहीं होने के कारण बागों को सिंचाई के लिए अतिरिक्‍त पानी दिया जाना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।

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