




जयपुर Abhayindia.com लीक से हटकर रची गई अपनी चित्र रचनाओं के दम पर चार दशक से भी अधिक समय से प्रदेश के कला फलक पर छाए रहने वाले चित्रकार शिशिर भट्ट का 63 वर्ष की आयु में जयपुर में निधन हो गया। वो अपने पीछे दो विवाहित पुत्रियां और पत्नी को छोड़ गए हैं।
शिशिर ने अपनी कला के दम पर तो इस क्षेत्र में खासी पहचान बनाई साथ ही वो अपने विशिष्ट पहनावे और चेहरे की साज-सज्जा से भी कलाकारों की भीड़ में अलग से पहचाने जाते थे। उन्होंने अनेक दिग्गज कलाकारों, संगीतकारों और कथावाचकों के ऐसे हूबहू चित्र बनए जिन्हें देखकर फोटोग्राफ्स होने का भ्रम हो जाता हैै । शिशिर की कला को देश विदेश में नामी संस्थाओं और अकादमियों ने अनेक बार सम्मानित किया।
इनके बनाए चित्रों का संग्रह अमेरिका के व्हाइट हाउस और दुनिया के सबसे बड़े ऑक्शन हाउस ‘किस्टीज’ में देखने को मिलता है। उन्होंने यथार्थवादी चित्रकला की मुगल शैली, किशनगढ़ शैली, मेवाड़ शैली और जयपुर शैली सहित अनेक शैलियों में चित्रण कार्य किया।
आइवरी पर सरकारी रोक केे बाद उन्होंने यह कार्य पेपर पर खूब किया जिसके फलस्वरूप शिशिर देश-विदेश में पसंदीदा चित्रकारों की पंक्ति में शामिल हुए। उन्होंने दृष्टि भ्रम का आभास देने वाली पेन्टिंग्स या ऑप्टिकल आर्ट पर भी खूब काम किया। उनके निधन पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और चित्रकार, कवि हेमंत शेष, साहित्यकार और चित्रकार अशोक आत्रेय, भानु भारवी, पद्मश्री से सम्मानित चित्रकार सैयद शाकिर अली, तिलक गिताई और संस्कृतिकर्मी प्रभाकर गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में कलाकारों और कला गुरूओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।





