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जयपुर abhayindia.com अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि मदरसा पैराटीचर्स के स्थानान्तरण अथवा समायोजन की वर्तमान में कोई नीति नहीं है। प्रार्थना पत्र देने पर मानवीय आधार पर अथवा किसी मदरसे में शून्य पंजीयन होने की स्थिति में इनका समायोजन विभाग द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के तहत शीघ्र ही पैराटीचर्स के सेवा नियम बनाये जाएंगे।
मोहम्मद प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जिलों के अल्पसंख्यक अधिकारियाें को निर्देश दिये गये है कि संबंधित जिलों में जहां मदरसे डी रजिस्टर्ड हो गये हैं उन पैराटीचर्स को सूचीबद्ध किया जाये। उन्होंने कहा कि ऎसे पैराटीचर्स को संबंधित जिले में समायोजन का काम शीघ्र किया जाएगा।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने आश्वस्त किया कि देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में प्रार्थना पत्र के आधार पर पैराटीचर्स के समायोजन करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि बजट घोषणा की बिन्दु संख्या 247 में संविदाकर्मियों के हितों की रक्षा के लिए अलग से सेवा नियम बनाने की घोषणा भी की गई है।
इससे पहले विधायक हरीश चन्द्र मीना के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में शाले ने बताया कि राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत मदरसों में पैराटीचर्स का पद नियमित राज्य कर्मचारी का पद ना होकर संविदा आधारित पद होने के कारण वर्तमान में प्रदेश में मदरसा पैराटीचर्स के स्थानान्तरण की कोई नीति नहीं बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि कतिपय परिस्थितियों (गंभीर रोग से पीडित होने, विधवा, परित्यक्ता व विवाहित महिलाओं के प्रकरण में तथा शून्य नामांकन एवं डी-रजिस्टर्ड मदरसों में कार्यरत पैराटीचर्स) में मानवीय आधार पर पैराटीचर्स की स्वयं के प्रार्थना पत्र व सहमति के आधार पर समायोजन अन्य पंजीकृत मदरसों में किया जाता है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत मदरसों में कार्यरत पैराटीचर्स के स्वयं के प्रार्थना पत्र पर गंभीर रोग से पीडित होने, विधवा, परित्यक्ता व विवाहित महिलाओं के प्रकरण में तथा शून्य नामांकन एवं डी-रजिस्टर्ड मदरसों में कार्यरत पैराटीचर्स का समायोजन किया जाता है।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बताया कि राज्य के पंजीकृत मदरसों में कार्यरत ऎसे शिक्षा सहयोगियों की सूचना जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों के माध्यम से मांगी गई है जिसका परीक्षण करवाकर गुणावगुण के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
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