Sunday, May 19, 2024
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जिला परिषद के चयनित बेरोजगार शिक्षकों ने कलेक्ट्री में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया

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बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर जिला परिषद के द्वारा चयनित शिक्षकों द्वारा अब तक नियुक्ति नहीं मिलने पर बीकानेर जिला कलेक्टर कार्यालय पर धुड़ाराम माली के नेतृत्व में प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया। प्रदर्शनकारी बेरोजगार शिक्षकों में सरकार के रवैये व बीकानेर जिले के मंत्रियों के खिलाफ गुस्सा खुलकर सामने आया।

Selected unemployed teachers of Zilla Parishad demonstrated in the collectorate and gave a memorandum
Selected unemployed teachers of Zilla Parishad demonstrated in the collectorate and gave a memorandum

कलेक्टर को दिए ज्ञापन में कहा गया कि मुख्यमंत्री एक लाख लोगों को नियुक्ति देने की बात कर रहे हैं लेकिन बीकानेर जिला परिषद में 1999 से लटके शिक्षकों की ओर उन्होंने कोई गौर नहीं किया है। ज्ञापन में कहा गया बीकानेर जिला परिषद में वर्ष 1999 में निकली तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती पर आज दिनांक तक नियुक्ति नही हुई है। इस नियुक्ति के लिए वित्तीय स्वीकृति भी जारी हो चुकी है लेकिन बेरोजगार शिक्षकों को रोजगार नहीं मिला। इस भर्ती के विज्ञापन निकलने के बाद से राजस्थान में दोनों ही प्रमुख दलों की सरकारें कई बार बनी लेकिन यह मुद्दा जस का तस बना रहा। पिछले चुनाव में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने इन आवेदकों को भरोसा दिलाया था राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने पर वे इस मामले का निस्‍तारण कर देंगे। सरकार बने तीन साल से ज्‍यादा हो गए है। ऐसे में अब बेरोजगारों का भरोसा टूटने लगा है।

आपको बता दें कि जिला परिषद् बीकानेर मे 1999 मे 250 पदों पर भर्ती निकाली एवं जिसके लिए सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई थी। इस दौरान एक सरकारी आदेश के माध्यम से इस पर रोक लगा दी गई, जो इस भर्ती प्रक्रिया के लम्बित होने का कारण बना इसके लिए सभी चयनित लम्बे समय से संघर्षरत्त है। इस भर्ती के लिए आंदोलन का एक लंबा दौर चला। अर्द्धनग्न प्रदर्शन से लेकर आमरणअनशन तक हुए। आंदोलनकारियों को अनशन के चलते कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

इस आंदोलन का इतना असर हुआ कि विभाग ने कई बार पत्र लिख कर सरकार से मार्गदर्शन माँगा। जिसमे ये स्पष्ट अंकित किया है कि यदि सरकार निर्देश दे तो इस भर्ती को पूर्ण किया जा सकता है। ज्ञापन में कहा गया इस प्रकरण पर किसी भी प्रकार की कोर्ट की रोक नही है। रोक सरकार ने लगाई है और वही इसे हटाने मे सक्षम है। ऐसा जवाब विभाग प्रत्येक बार देता रहा है। ज्ञापन में बताया गया साल 2013 में आमरण अनशन के दबाव से तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक वी. श्रवण कुमार ने सरकार से भर्ती के लिए मार्गदर्शन एवं अनुमति माँगी थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नही हो पाई।

ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से साया कंवर, सुनीता बारिया, शहनाज हुसैन, घनश्याम गहलोत, हरिशंकर शर्मा, दीनदयाल आचार्य, बलदेव पुरोहित, बलदेव व्यास, मनोज रावत, राकेश जोशी, अशोक मारू, इंद्र जोशी, पंकज आचार्य, राजकुमार सैनी, महेंद्र कोटनीस व सुरेंद्र शर्मा सहित सैकड़ों शिक्षकों ने ज्ञापन के माध्यम से अपनी व्यथा मुख्यमंत्री तक पहुंचाई।

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