बीकानेर Abhayindia.com वर्ष 1999 से बीकानेर जिला परिषद में निकाली गई शिक्षक भर्ती में चयनित बेरोजगार बेरोजगार शिक्षकों ने मुख्यमंत्री की सर्किट हाउस में आयोजित जनसुनवाई में अपने नेता पंकज आचार्य के नेतृत्व में अपना पक्ष रख कर नियुक्ति की मांग की। सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री का ध्यान अपनी और आकर्षित कराने के लिए इन बेरोजगार शिक्षकों ने पंडाल में ही हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया। बेरोजगारों की यह तरकीब काम आई मुख्यमंत्री ने नारेबाजी के बीच इनका नोटिस लिया व खुद चलकर उनके पाकर पास आकर उनकी व्यथा सुनी व जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि जिला परिषद् बीकानेर मे 1999 मे 250 पदों पर भर्ती निकाली एवं जिसके लिए सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई थी। इस भर्ती के लिए वित्तीय स्वीकृति भी पूर्व में जारी हो चुकी है। इस दौरान एक सरकारी आदेश के माध्यम से इस पर रोक लगा दी गई,जो इस भर्ती प्रक्रिया के लम्बित होने का कारण बना। इसके लिए सभी चयनित लम्बे समय से संघर्षरत्त है। इस आंदोलन का इतना असर हुआ कि विभाग ने कई बार पत्र लिख कर सरकार से मार्गदर्शन माँगा। जिसमें ये स्पष्ट अंकित किया है कि यदि सरकार निर्देश दे तो इस भर्ती को पूर्ण किया जा सकता है। इस नियुक्ति पर सरकार की रोक है किसी न्यायालय की नहीं है इसलिए सरकार ही इस रोक को हटा सकती है वह बेरोजगारों को शिक्षक की नौकरी दे सकती है। आचार्य ने कहा कि आप राज्य सरकार के मुख्यमंत्री है आप यदि इस मामले में सकारात्मक रुख अपनाएं तो लगभग 250 बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है। गहलोत ने आचार्य व अन्य चयनित शिक्षकों को भरोसा दिलाया की वे इस सम्बंध में उचित कार्रवाई करेंगे। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से साया कंवर, सुनीता बारिया, सहनाज़, संगीता गुप्ता, राधा सोनी, बिन्दु शर्मा, मुन्नी सेवग, राधा स्वामी, इंद्र जोशी, बलदेव व्यास, बुलाकी गिरी, राकेश जोशी, हरि शंकर, धुडा राम, बलदेव पुरोहित, राम नारायण, सुरेंद्र शर्मा, चन्द्र श्रीमाली, घनश्याम गहलोत, अशौक मारू, प्रेम शर्मा, विजय शंकर व्यास, धन्ना राम, मनोज रावत, सुशील छंगाणी सहित सैकड़ों बेरोजगार शिक्षक शामिल थे।