जयपुर Abhayindia.com मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 के दौरान हस्ताक्षरित निवेश प्रस्तावों के कार्यान्वयन की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक ली। बैठक में 100 करोड़ रुपये से 1000 करोड़ रुपये तक के निवेश एमओयू पर ध्यान केंद्रित किया गया। समीक्षा बैठकें निवेश सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित प्रस्तावों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की देखरेख में तैयार की गई 3 स्तरीय निगरानी संरचना का हिस्सा हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि हस्ताक्षरित निवेश प्रस्तावों के लिए वर्गीकरण प्रणाली भी शुरू की गई है जिसमें निवेशकों द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धता और रुचि के स्तर के आधार पर एमओयू को ए, बी और सी श्रेणियों में विभाजित किया गया है । जिन निवेशकों ने सबसे अधिक रुचि और प्रतिबद्धता दिखाई है, उन्हें ए श्रेणी में रखा गया है। इसी प्रकार क्रमश: बी और सी श्रेणी बनाई गई है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ए श्रेणी के निवेशकों को प्राथमिकता देने और उनकी परियोजना की ग्राउंडिंग और कार्यान्वयन के लिए समर्पित कदम उठाने के निर्देश दिए। बी-स्तर और सी-स्तर के निवेशकों को भी उनके निवेश प्रस्ताव और प्रतिबद्धता के अनुसार उचित ध्यान दिया जाएगा।
सरकार ने संबंधित अधिकारियों को निवेशकों के साथ संवाद स्थापित करने, साइट विजिट की सुविधा प्रदान करने और चिन्हित भूमि पार्सल के आवंटन के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा भी दी है। आगामी 31 जनवरी तक संबंधित विभाग सचिव और जिला कलेक्टर निवेशकों के लिए साइट विजिट की सुविधा प्रदान करेंगे और रीको, नगर निगमों या अन्य सरकारी विभागों के तहत उपयुक्त भूमि पार्सल की पहचान करने में सहायता करेंगे। 31 मार्च तक सभी चिन्हित भूमि निवेशकों को उनके निवेश प्रस्तावों की उचित प्रक्रिया के बाद आवंटित किए जाएंगे। निवेश शिखर सम्मेलन के दौरान समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने वाले सभी निवेशकों के साथ टेलीफोन पर संचार की एक सीधी लाइन पहले ही स्थापित की जा चुकी है।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में 35 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड निवेश समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करना राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सभी विभागों के लिए निकट समन्वय में कार्य करना “ए-श्रेणी” निवेशकों की पहचान करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनके प्रस्तावों को सभी चरणों में कुशलतापूर्वक लागू किया जाए। विभागीय सचिवों से लेकर जिला कलेक्टरों तक सभी अधिकारियों को पारदर्शी, समयबद्ध और त्वरित तरीके से कुशलतापूर्वक कार्य करना चाहिए।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने कहा कि भूमि से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान प्रशासन के सभी स्तरों पर सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। स्पष्ट रूप से उल्लेखित समय सीमा, कानून का पालन करने वाला दृष्टिकोण और सामूहिक निर्णय लेने से निवेश प्रस्तावों को तेज गति से लागू करने में मदद मिलेगी। यदि आवश्यक हो तो नोडल अधिकारियों के लिए कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाएंगी ताकि उन्हें एमओयू पर प्रगति को ट्रैक करने वाले पोर्टल से परिचित कराया जा सके।
इस अवसर पर आलोक, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा, भास्कर ए सावंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पीएचईडी, दिनेश कुमार, प्रमुख सचिव, राजस्व, राजेश यादव, प्रमुख सचिव, एलएसजी, गायत्री राठौड़, प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, टी रविकांत, प्रमुख सचिव, खान एवं पेट्रोलियम, श्रीकृष्ण कुणाल, सचिव, शिक्षा, रवि जैन, सचिव, पर्यटन, डॉ. समित शर्मा, सचिव, पशुपालन, मत्स्य, गोपालन एवं आरएसएलडीसी, अम्बरीश कुमार, सचिव, चिकित्सा शिक्षा, आरुषि मलिक, सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, डॉ. जोगाराम, सचिव, नागरिक उड्डयन, अर्चना सिंह, सचिव, डीओआईटी, इंद्रजीत सिंह, एमडी, रीको और राजस्थान सरकार के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 दिसंबर को जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान’ वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन 2024 का उद्घाटन किया था। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान’ वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन-2024 के दौरान 35 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए। शिखर सम्मेलन के दौरान शर्मा ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार हस्ताक्षरित प्रस्तावों को चालू परियोजनाओं में बदलने के लिए समर्पित प्रयास करेगी और अगले 12 महीनों में हस्ताक्षरित एमओयू पर हुई प्रगति की सार्वजनिक घोषणा करेगी।