जयपुर/बीकनेर abhayindia.com मध्यप्रदेश सरकार के संकट को भांपते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अलर्ट मोड में आ गए है। यहां भी सत्ता के लिये खतरा बनने वाले कांग्रेस विधायकों पर निगरानी बढा दी गई और सचिन पायलट की लॉबी के नेताओं गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सियासी सूत्रों की मानें तो बचाव ही उपचार के पैटर्न पर काम कर रहे सीएम गहलोत सत्ता पर आने वाले किसी भी खतरे से निपटने की मोर्चाबंदी तहत मंत्री मंडल में विस्तार और राजनैतिक नियुक्ति का शगूफा भी छेड़ दिया है।
इधर, राजनैतिक विश्लेषकों की मानें तो मध्यप्रदेश की भांति राजस्थान की सत्ता में भी हालात कुछ ठीक नहीं है, यहां सत्ता का तख्ता पलटने के लिये बड़ा सियासी खेल हो सकता है। मध्यप्रदेश में जहां कांग्रेस की युवा लॉबी के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिधिंया ने कमलनाथ सरकार को चुनौती दी है, वैसे ही यहां राजस्थान में भी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट गहलोत सरकार को कई मौकों पर चुनौती दे चुके है।
राजस्थान : कांग्रेस विधायक बोले- यहां खुद को राजा समझ रहे हैं मंत्री…
माना जा रहा है कि अगर राज्यसभा चुनावों में राजस्थान के तीन पदों के लिये सचिन पायलट की लॉबी से जुड़े चेहरों को उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो राजस्थान में भी मध्यप्रदेश सरीखे हालात कायम हो सकते है। यह भी खबर है कि पायलट के अलावा राजस्थान की जाट और ब्राह्मण लॉबी के कांग्रेसी नेता भी गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी में पर्दे के पीछे काम कर रहे है। पता चला है सियासी चुनौती से निपटने के लिये सीएम गहलोत ने विरोधी लॉबी के मंत्रियों, विधायकों और नेताओं गतिविधियों पर निगरानी का जिम्मा अपनी लॉबी के खास मंत्रियों और नेताओं को सौंप रखा है। कांग्रेस विधायकों के अलावा पार्टी के उन नेताओं पर भी कड़ी निगाहबानी की जा रही है, जो सत्ता के खिलाफ माहौल को हवा दे सकते हैं। इतना ही नहीं, भाजपा रणनीतिकारों की सियासी गतिविधियों पर भी पूरी निगाह रखी जा रही है।
“संकटमोचक” की निगरानी में एमपी के विधायकों का जयपुर में शाही ठाठ-बाट
सीएम लगातार कर रहे सत्ता की मजबूती का दावा : राजस्थान की सत्ता पर मंडराते खतरे को लेकर आ रही खबरों को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत भी लगातार दावा कर रहे है कि पूर्ण बहुमत वाली हमारी सरकार मजबूती के साथ अपना शासनकाल पूरा करेगी। जबकि इस मामले में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे है। इस बीच, भाजपा लॉबी के नेता आग में घी डालने के लिये मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान की सत्ता भी खतरे में बता रहे है। भाजपा लॉबी से जुड़े नेताओं की मानें तो सत्तारूढ कांग्रेस में दो दर्जन से ज्यादा विधायक असंतुष्ट है, जिन्हें मौका मिलते ही वह भाजपा के इशारे पर बड़ा खेल कर सकते हैं।