








जयपुर abhayindia.com राजस्थान उच्च न्यायालय ने राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम-2017 को अवैध घोषित कर दिया है। इस संबंध में चीफ जस्टिस रविंद्र भट्ट की खंडपीठ ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया। इसके साथ ही अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल रहीं टेलीफोन, आवास, कार-ड्राइवर सहित बाकी सुविधाएं बंद हो जाएंगी।
याचिकाकर्ता Milapchand dandiya ने राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम 2017 के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाओं को चुनौती देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री राजशाही की तरह जी रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन टेलीफोन की सुविधा सहित कई सुविधाएं देना ठीक नहीं है। केवल पद पर रहते हुए ही ये सुविधाएं मिलनी चाहिए।

इस याचिका पर चीफ जस्टिस रविंद्र की खंडपीठ ने 9 मई को सुनवाई पूरी कर ली थी। खंडपीठ ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। आपको बता दें कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया को इस तरह की सुविधाएं मिल रही हैं।
अप्रेल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को मुफ्त सरकारी आवास सहित कई आजीवन मिलने वाली सुविधाओं वाले इस विधेयक को विधानसभा में पारित करवाया था। इन सुविधाओं में अपनी पसंद का सरकारी बंगला, नौ सरकारी कर्मचारी व एक वाहन शामिल है। इस विधेयक का विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने विरोध किया था।
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